फिच ने आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की रेटिंग घटाई
रिपोर्ट फिच ने आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की रेटिंग घटाई
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। इस साल की शुरुआत से खराब होती लिक्विडिटी और सीमित बाहरी फंडिंग को देखते हुए, फिच रेटिंग्स ने पाकिस्तान के आउटलुक को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि आउटलुक को नकारात्मक पर रखना पाकिस्तान की एक्सटर्नल लिक्विडिटी और वित्त पोषण की स्थिति में 2022 की शुरुआत से एक महत्वपूर्ण गिरावट को दर्शाता है।
फिच की ओर से जारी बयान में कहा गया है, हम आईएमएफ के साथ पाकिस्तान के नए स्टाफ-स्तरीय समझौते के आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मानते हैं, लेकिन इसके कार्यान्वयन के लिए काफी जोखिम देख रहे हैं और एक कठिन आर्थिक और राजनीतिक माहौल में जून 2023 में कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वित्तपोषण तक पहुंच जारी रखते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए सिरे से राजनीतिक अस्थिरता को बाहर नहीं किया जा सकता और यह अधिकारियों के वित्तीय और बाहरी समायोजन को कमजोर कर सकता है, जैसा कि 2022 और 2018 की शुरूआत में हुआ था, विशेष रूप से धीमी वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति यानी बढ़ती महंगाई दर के मौजूदा माहौल में यह बात कही जा सकती है।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जिन्हें 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के तहत बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, देश में जल्द चुनाव और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक सभाओं का आयोजन करने पर जोर दे रहे हैं।
हालांकि, नई सरकार को संसद में कम बहुमत वाले दलों के असमान गठबंधन का समर्थन प्राप्त है। अक्टूबर 2023 में नियमित चुनाव होने हैं, जिससे आईएमएफ कार्यक्रम के समापन के बाद नीतिगत तौर पर अस्थिरता का खतरा पैदा हो गया है। द न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान की रेटिंग को कम करने का एक और कारण बताते हुए, फिच ने कहा कि सीमित बाहरी फंडिंग और बड़े चालू खाते के घाटे ने विदेशी मुद्रा भंडार को खत्म कर दिया है, क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने मुद्रा के मूल्यह्रास को धीमा करने के लिए भंडार का उपयोग किया है।
इसने कहा कि एसबीपी में लिक्विड शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार जून 2022 तक घटकर लगभग 10 अरब डॉलर या मौजूदा बाहरी भुगतान के एक महीने से अधिक हो गया है, जो एक साल पहले लगभग 16 अरब डॉलर था।
सोर्स: आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.