अब फिल्पकार्ट करेगा सेलर्स का ऑडिट, रिटर्न रेट कम करने की कवायद

अब फिल्पकार्ट करेगा सेलर्स का ऑडिट, रिटर्न रेट कम करने की कवायद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-19 18:22 GMT
अब फिल्पकार्ट करेगा सेलर्स का ऑडिट, रिटर्न रेट कम करने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बाजार में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सामान वापस लौटना है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रोडक्ट की क्वॉलिटी से असंतुष्ट होकर करीब 30 फीसदी लोग सामान लौटा देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए फ्लिपकार्ट अब नया तरीका अपनाने जा रही है। प्रोडक्ट की क्वालिटी को सुनिश्चित करने के लिए फ्लिपकार्ट सेलर्स के यहां औचक ऑडिट करेगी। 

सेलर्स को भेजा ई-मेल
इसकी जानकारी फ्लिपकार्ट ने अपने सेलर्स को एक ई-मेल के जरिए भेजी है। कंपनी ने अपने सेलर्स को कहा है कि ऑडिट में पास न होने पर उन्हें प्लेटफॉर्म से बाहर किया जा सकता है या फिर वो अपना फ्लिपकार्ट एश्योर्ड बैच खो देंगे। बता दें कि फ्लिपकार्ट एश्योर्ड बैच चुनिंदा प्रॉडक्ट्स को मिलने वाला क्वॉलिटी और स्पीड बैच है। अगर 70 फीसदी से ज्यादा प्रोडक्ट ऑडिट में पास नहीं होते है तो फिर सेलर को ऑडिट में फेल माना जाएगा। पहले ऑडिट में फेल होने पर उस सेलर के सभी प्रोटक्ट्स को एक हफ्ते के लिए डीलिस्ट कर दिया जाएगा। जिसके बाद अगले 15 दिनों में दूसरी बार ऑडिट किया जाएगा। दूसरी बार फेल होने पर सभी प्रोडक्ट डी लिस्ट कर दिए जाएंगे। 

फैशन कैटेगरी में सबसे ज्यादा कैंसिलेशन
ये पूरी कवायद कंपनी इसलिए कर रही है ताकि सामान लौटाने की संख्या को घटाकर कंपनी मुनाफा कमा सके। फ्लिपकार्ट ने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता बढ़ाकर अगले 12 महीनों में रिटर्न रेट को घटाकर 10-15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। रेडसीर कंसल्टिंग की रिपोर्ट के मुताबिक ई कॉमर्स सेक्टर में सबसे ज्यादा कैंसिलेशन फैशन कैटगरी में होता है। वहीं मोबाइल और एप्लायंसेज में ये दर सबसे कम है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इंडस्ट्री में यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों को सही और अच्छी क्वालिटी का सामान पहुंचे क्योंकि 30 फीसदी का प्रोडक्ट रिटर्न रेट काफी ज्यादा है। ई कॉमर्स कंपनियों को इससे काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।     

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