NPA के लिए रघुराम राजन ने UPA सरकार को ठहराया जिम्मेदार, संसदीय समिति को भेजा जवाब

NPA के लिए रघुराम राजन ने UPA सरकार को ठहराया जिम्मेदार, संसदीय समिति को भेजा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-10 12:32 GMT
NPA के लिए रघुराम राजन ने UPA सरकार को ठहराया जिम्मेदार, संसदीय समिति को भेजा जवाब
हाईलाइट
  • बैंकों ने 'जॉम्बी' लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स में बदलने से बचाने के लिए और अधिक लोन दिए गए।
  • UPA सरकार ने धीमी गति से अपने निर्णय लिए जिसकी वजह से बैंकों का NPA बढ़ता गया।
  • रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बढ़ते NPA को लेकर संसदीय समिति को जो जवाब दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) के लिए UPA सरकार जिम्मेदार है? सूत्रों की मानें तो रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बढ़ते NPA को लेकर संसदीय समिति को जो जवाब दिया है उसमें UPA सरकार को ही इसके लिए जिम्मेदार माना है। राजन ने कहा है कि घोटालों और उनकी जांच की वजह से सरकार ने धीमी गति से अपने निर्णय लिए, जिसकी वजह से बैंकों का NPA बढ़ता गया। बता दें कि सितंबर 2016 तक तीन साल आरबीआई के गवर्नर रहे राजन फिलहाल शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त मामलों के प्रोफेसर हैं।

राजन ने कहा, बैंकों ने बड़े कर्जों पर ठीक तरह से कार्रवाई नहीं की और 2008 के बाद विकास की गति धीमी पड़ जाने के बाद बैंकों को उतना लाभ नहीं हुआ, जितना उन्होंने उम्मीद की थी। इतना ही नहीं बैंकों ने "जॉम्बी" लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स में बदलने से बचाने के लिए और अधिक लोन दिए। उन ग्रुप्स को भी लोन दिया गया जिनका बैंकों के साथ रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा था। बता दें कि बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने रघुराम राजन को पत्र लिखा था और उनसे NPA को लेकर समिति के सामने उपस्थित होकर जवाब देने को कहा था।

इससे पहले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यम ने संसदीय समिति के सामने NPA संकट को पहचानने और इसका हल निकालने के लिए किए गए राजन के प्रयासों की सरहाना की थी। उन्होंने कहा था कि रघुराम राजन से ज्यादा बेहतर कोई नहीं बता सकता कि NPA की समस्या देश में इतनी गंभीर कैसे हो गई? इसी के बाद संसदीय समिति ने रघुराम राजन को पत्र लिखा था। मालूम हो कि इस वक्त सभी बैंक NPA की समस्या से जूझ रहे हैं। दिसंबर 2017 तक बैंकों का NPA 8.99 ट्रिलियन रुपए हो गया था जो कि बैंकों में जमा कुल धन का 10.11 परसेंट है। कुल NPA में से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का एनपीए 7.77 ट्रिलियन है।

 

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