भारत ने बरकरार रखा तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी का तमगा, Q4 में 7.7% रही जीडीपी ग्रोथ

भारत ने बरकरार रखा तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी का तमगा, Q4 में 7.7% रही जीडीपी ग्रोथ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-31 15:12 GMT
भारत ने बरकरार रखा तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी का तमगा, Q4 में 7.7% रही जीडीपी ग्रोथ
हाईलाइट
  • इससे पहले साल की पहली
  • दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी की दर 5.6%
  • 6.3% और 7% रही थी।
  • इस तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.7 फीसदी दर्ज की गई है।
  • फाइनेंशियल ईयर 2017-18 की चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फाइनेंशियल ईयर 2017-18 की चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है। इस तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.7 फीसदी दर्ज की गई है। नोटबंदी के बाद ये पहला मौका है जब जीडीपी इतनी रही हो। इससे पहले साल की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी की दर 5.6% , 6.3% और 7% रही थी।

 



सरकार की ओर से गुरुवार को ये आंकड़े जारी किए गए है। इन आंकड़ों से साफ है कि जनवरी से मार्च क्वाटर में भारत ने चीन को एक बार फिर पछाड़ दिया है। इस क्वाटर में चीन की जीडीपी 6.8 प्रतिशत रही है जबकि भारत की जीडीपी 7.7 फीसदी। इसके साथ ही भारत ने विश्व में तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी का तमगा बरकरार रखा है।

वहीं कृषि के क्षेत्र में ग्रोथ 4.2 फीसदी रही है जबकि इसके 3.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 9.1 फीसदी रही इसके 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। कंस्ट्रक्शन में भी इस तिमाही में तेजी देखने को मिली है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 11.5 फीसदी रही जबकि 8.5 फीसदी का अनुमान लगाया गया था।

इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ की बात करे तो ये 7.7 फीसदी रही। माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी इजाफा देखने को मिला है। आखिरी तिमाही में यह 2.7 फीसद रही जबकि इसके 1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। वहीं एडमिन सेक्टर की ग्रोथ 13.3 फीसदी रही। जबकि फाइनेंस सेक्टर की ग्रोथ में कमी देखने को मिली है। बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में यह 5 फीसदी रही है।

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, GDP लगातार हर तिमाही में बढ़ रही है। 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7% की वृद्धि दिखाती है कि अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और भविष्य में भी तेजी से बढ़ने के लिए सेट है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी और अरुण जेटली जी के नेतृत्व में यही सही विकास हैं। 


 

 

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। पहले एजेंसी ने 7.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। एजेंसी ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में क्रमिक सुधार हो रहा है लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और मुश्किल वित्तीय हालात सुधार की रफ्तार को धीमा करेंगी।

जीडीपी के इन आंकड़ों को लेकर HDFC बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट ने कहा, जीडीपी के ये आंकड़े संतोषजनक है। ऐसा लगता है कि हम जीएसटी लागू करने के बाद आई समस्याओं से निपटते हुए काफी आगे निकल गए है। निवेश संबंधि गतिविधियों में आई तेजी भी इकोनॉमी के लिए एक अच्छा संकेत है।

वहीं इकोनॉमिस्ट गरीमा कपूर ने कहा कि इस क्वाटर में हुई जीडीपी की तेजी ने उन अपेक्षाओं को मजबूत कर दिया है कि RBI इस साल के आखिर में रेट बढ़ा सकती है। 

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