संकट में टेलीकॉम क्षेत्र, वित्त मंत्री बोली- हम किसी भी कंपनी को बंद नहीं करना चाहते

संकट में टेलीकॉम क्षेत्र, वित्त मंत्री बोली- हम किसी भी कंपनी को बंद नहीं करना चाहते

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-15 17:36 GMT
संकट में टेलीकॉम क्षेत्र, वित्त मंत्री बोली- हम किसी भी कंपनी को बंद नहीं करना चाहते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेलीकॉम क्षेत्र में बढ़ते वित्तीय तनाव को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है। सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार किसी भी कंपनी का संचालन बंद नहीं करना चाहती है। बता दें कि दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन और भारती एयरटेल ने वित्त वर्ष 2019-20 की सितंबर तिमाही में 73,967 करोड़ रुपये का संयुक्त घाटा दर्ज किया।

सीतारमण ने कहा, "मैं चाहती हूं कि कोई भी कंपनी संचालन बंद न करे। मैं चाहती हूं कि अर्थव्यवस्था में अच्छी संख्या में कंपनियां हों और उनके व्यवसाय में उन्नति हो। सिर्फ टेलिकॉम सेक्टर ही नहीं, मेरी इच्छा है कि सभी सेक्टरों की सभी कंपनियां बिजनेस कर सकें। इसलिए उस दृष्टिकोण के साथ, वित्त मंत्रालय हमेशा बात कर रहा है और दूरसंचार में भी वह दृष्टिकोण है जो हमने लिया है।

गुरुवार को अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा करते हुए, दूरसंचार प्रमुख वोडाफोन आइडिया (VIL) ने कहा था कि इस संकट के दौर में कंपनी को आगे सक्रिय रखने के लिए सरकार की मदद की जरूरत है। बता दें कि वोडाफोन आइडिया को समायोजित सकल राजस्व यानि एजीआर की वजह से दूसरी तिमाही में 50921 करोड रुपए का रिकॉर्ड घाटा हुआ है। भारत के कॉर्पोरेट घाटे के इतिहास में किसी भी कंपनी को यह अबतक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है।

सुप्रीम कोर्ट का एजीआर पर फैसला पिछले महीने आया था। सरकार का पक्ष यह था कि टेलीकॉम कंपनियों की सालाना एजीआर की गणना करने में गैर टेलीकॉम कारोबार से होने वाली आय को भी जोड़ा जाए। कोर्ट ने सरकार के पक्ष को मंजूरी दी थी।

सालाना एजीआर के ही एक हिस्से का भुगतान टेलीकॉम कंपनी लाइसेंस और स्पेकट्रम शुल्क के रूप में करती है। इस फैसले का सबसे बुरा असर वोडाफोन इंडिया लिमिटेड पर पड़ा। वोडाफोन को एजीआर के 39,000 करोड़ रुपये और एयरटेल को 28,450 करोड़ रुपये चुकाने हैं।

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