आर्थिक विकास के लिए एफआरबीएम आपात उपबंध का उपयोग करेगी सरकार

आर्थिक विकास के लिए एफआरबीएम आपात उपबंध का उपयोग करेगी सरकार

IANS News
Update: 2020-02-01 14:31 GMT
आर्थिक विकास के लिए एफआरबीएम आपात उपबंध का उपयोग करेगी सरकार
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नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। वित्तमंत्री निर्मला सीताररमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा कि सुस्ती के कारण वित्तीय व्यवस्था खराब होने और बाजार का मनोबल टूटने की स्थिति में सरकार आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपने राजकोषीय समेकन नीति में आपात राहत उपबंध का उपयोग करना चाहती है।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है कि जीएसटी संग्रह पूर्व अनुमान के मुकाबले घट गया है। वहीं, निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने कॉरपोरेट कर में कटौती की है।

अर्थव्यवस्था के जानकारों की माने तो इसकी वजह जीएसटी की उच्च दरें, वेतन में स्थिरता, निवेश में सुस्ती और ग्रामीण क्षेत्र में सुस्ती के साथ-साथ रोजगार सृजन की निम्न दर हैं क्योंकि सुस्ती के कारण उपभोक्ताओं का रुझान कमजोर हुआ है।

सीतारमण ने आम बजट 2020-21 संसद में पेश करते हुए कहा, राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम में अप्रत्याशित वित्तीय पहलुओं से अर्थव्यवसथा में संरचनात्मक सुधारों के कारण अनुमानित राजकोषीय घाटा से विचलन के लिए प्रोत्साहन व्यवस्था का प्रावधान है।

उन्होंने कहा, इसलिए मैंने वित्त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान और बजटीय अनुमान दोनों के लिए एफआरबीएम अधिनियम की धारा 4 (3) के अनुसार, 0.5 फीसदी का विलचन लिया है।

निवेश बढ़ाने के लिए हाल ही में सरकार ने महत्वपूर्ण कर सुधार का कदम उठाया, हालांकि कर वृद्धि में समय लगेगा।

इसके परिणामस्वरूप, संशोधित अनुमान 2019-20 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा 3.8 फीसदी रहने का आकलन किया गया जबकि बजटीय अनुमान 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा 3.5 फीसदी रहने का आकलन किया गया है।

वित्तमंत्री ने कहा, राजकोषीय नीति हमें सार्वजनिक निधि से निवेश की जरूरतों के साथ समझौता किए बगैर राजकोषीय समेकन की नीति को बनाए रखने को प्रतिबद्ध करती है।

इसके अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बाजार उधारी 4.99 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 5.36 लाख करोड़ रुपये होगी।

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