GST और नोटबंदी से अर्थव्यव्था को झटका, उबरने में लगेंगे दो साल : रेड्डी

GST और नोटबंदी से अर्थव्यव्था को झटका, उबरने में लगेंगे दो साल : रेड्डी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-11 06:40 GMT
GST और नोटबंदी से अर्थव्यव्था को झटका, उबरने में लगेंगे दो साल : रेड्डी

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। रिवर्ज बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी रेड्डी ने GST और नोटबंदी जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था को लगे झटके को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के GDP वृद्धि का अनुमान लगाने से इनकार करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को इस स्थिति से पूरी तरह उबरने और उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए अभी 2 साल का समय और लगेगा। उन्होंने कहा कि इस समय आर्थिक वृद्धि को लेकर कोई अनुमान लगाना काफी मुश्किल काम है या फिर ये कहना कि अर्थव्यवस्था फिर से 7.5 से 8 प्रतिशत की संभावित उच्च वृद्धि के रास्ते पर कब लौटेगी। बहरहाल, ये स्थिति अगले 24 माह के दौरान बनती दिखाई नहीं देती है। 

रेड्डी ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा ,"ये एक एक तरह का झटका है, जिसकी नकारात्मक धारणा के साथ शुरुआत हुई है। इसमें कुछ सुधार आ सकता है और उसके बाद कुछ फायदा मिल सकता है। फिलहाल इस समय इसमें परेशानी है और लाभ बाद में मिलेगा। कितना फायदा होगा और कितने अंतराल के बाद ये होगा ये फिलहाल देखने की बात है। मेरा अनुमान है कि इसमें कुछ साल लग सकते हैं। कुछ साल में हम फिर से 7.5- 8 प्रतिशत वृद्धि पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल सकते हैं। झटके से जो परेशानी खड़ी हुई थी वो कम हो रही है जबकि सकारात्मक माहौल अभी आना बाकी है। मेरी उम्मीद है कि यह माहौल आएगा।

रेड्डी ने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लगातार 3 साल तक एक प्रकार का सकारात्मक झटका कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रूप में मिला है। लगातार 3 साल तक वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम आश्चर्यजनक रूप से नीचे रहे। उन्होंने याद किया कि जब वो गवर्नर थे उसके मुकाबले पिछले तीन साल में कच्चे तेल के दाम एक तिहाई पर आ गये थे।

हालांकि, इस बीच GST लागू होने, नोटबंदी का कदम उठाने और बैंकों की भारी गैर-निष्पादित राशि की वजह से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि के दौरान पिछली सरकार में बिना सोच विचार के दिए गए कर्ज और भ्रष्टाचार के आरापों को लेकर दूरसंचार और कोयला क्षेत्र में घटे घटनाक्रम से कंपनी क्षेत्र पर काफी दबाव बढ़ गया। इस समूचे घटनाक्रम से बैकिंग तंत्र में फंसा कर्ज 15 % तक बढ़ गया था।

 

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