GST काउंसिल की 25वीं मीटिंग आज, 70 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते

GST काउंसिल की 25वीं मीटिंग आज, 70 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-18 04:55 GMT
GST काउंसिल की 25वीं मीटिंग आज, 70 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश का बजट पेश होने में अब 15 दिन से भी कम वक्त बचा है और फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली उससे पहले ही आम आदमी को राहत दे सकते हैं। दरअसल, दिल्ली में आज GST काउंसिल की 25वीं मीटिंग होने जा रही है और इस मीटिंग 70 से ज्यादा प्रोडक्ट्स के GST रेट्स में बदलाव किया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में होम प्रोडक्ट्स, एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स, सीमेंट और स्टील समेत कई प्रोडक्ट्स पर टैक्स रेट्स कम हो सकते हैं। बता दें कि आखिरी मीटिंग में सरकार ने 200 से ज्यादा आइटम्स पर सरकार ने टैक्स रैट्स कम किए थे।


आम आदमी के लिए क्या? 

खबरों की मानें तो फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने जा रही GST काउंसिल की इस मीटिंग में आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है। इस मीटिंग में रोजाना इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स के टैक्स रेट में बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही सबसे बड़ी राहत जो होगी, वो ये कि रियल इस्टेट को GST के दायरे में लाया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग में रियल इस्टेट को 12% टैक्स स्लैब में रखा जा सकता है। इसके साथ ही स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज को भी इसमें जोड़ा जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो आम आदमी के लिए घर खरीदना आसान हो जाएगा, क्योंकि इससे प्रॉपर्टी के रेट्स में कमी आएगी।

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व्यापारियों के लिए क्या? 

इसके साथ ही इस मीटिंग में GST काउंसिल व्यापारियों और कारोबारियों को भी राहत दे सकती है। कारोबारियों की हमेशा से शिकायत रही है कि उन्हें GST रिटर्न के लिए कई फॉर्म भरने पड़ते हैं। अभी कारोबारियों को तीन अलग-अलग रिटर्न GSTR-1, GSTR-2 और GSTR-3 फाइल करना पड़ता है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में इन तीन फॉर्म की जगह एक सिंगल फॉर्म लाया जा सकता है, ताकि रिटर्न भरने में आसानी हो सके।

स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों को भी फायदा? 

GST काउंसिल की मीटिंग में स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों को भी फायदा मिल सकता है। बताया जा रहा है कि सरकार स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों को टैक्स में छूट देने का सोच रही है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों में शामिल हैं। 

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