इस तरह से RBI कर रही 500 और 1000 के पुराने नोटों का निपटारा

इस तरह से RBI कर रही 500 और 1000 के पुराने नोटों का निपटारा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-18 16:14 GMT
इस तरह से RBI कर रही 500 और 1000 के पुराने नोटों का निपटारा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को डीमोनेटाइजेशन के बाद बैंकों में जमा हुए 500 और 1000 के नोटों का क्या हुआ? रद्दी बन चुके इन नोटों का RBI क्या करेगी? किस तरह चलन से बाहर हुए इन नोटों को तबाह किया जाएगा? ये वो सवाल है जिनका जवाब अब तक जनता को नहीं मिल पाया था। लेकिन RBI ने एक RTI का जवाब देते हुए बताया है कि इनका निपटारा कैसे किया जा रहा है। आरबीआई ने बताया कि इन पुराने नोटों को मशीनों के जरिए टुकड़ों में काटकर और ईंट की तरह बनाया जा रहा है और  टेंडर प्रक्रिया के जरिए नष्ट किया जा रहा है।

आरबीआई के मुताबिक 30 अगस्त 2017 तक बैंकों के पास 15.28 लाख करोड़ पुराने नोट वापस आ गए। एक पत्रकार की लगाई आरटीआई के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बंद हुए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती की गई है और करेंसी सर्टिफिकेशन की अत्याधुनिक प्रणाली के तहत उनकी जांच की गई है। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले नोटों को रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में लगाए गए नोटों को काटने और ब्रिकेटिंग प्रणाली में इन्हें काटकर उन्हें ब्रिक में बदला जा रहा है। रिजर्व बैंक ने बताया कि वह इन नोटों को रीसाइकल नही करता है। देशभर में इन पुराने नोटों के वेरिफिकेशन के लिए लगभग 59 करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग मशीनों का इस वक्त इस्तेमाल किया जा रहा है।

8 नवंबर 2016 की वो रात
8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने टीवी पर देश की जनता के नाम एक संबोधन दिया। उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम कसने के लिए हमने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का फैसला लिया है।  ये नोट मध्यरात्री से लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।" जनता से अपील की गई कि जिनके पास भी 500 और 1000 के नोट हैं वो उन्हें बैंकों में जमा करा दें।


सरकार गिना रही नोटबंदी के फायदे

  • 2.24 लाख शैल कंपनियां बंद हुईं। 35000 कंपनियों के 58000 बैंक खातों में नोटबंदी के बाद 17 हजार करोड़ डिपोजिट हुए और निकाले गए। 11500 शैल कंपनियों पर IT विभाग एक्शन लेने की तैयारी में है। इन कंपनियों द्वारा 13300 करोड़ से ज्यादा का संदिग्ध लेनदेन हुआ। बंद हुई 28,088 शैल कंपनियों के 49,910 अकाउंट से करीब 10,200 करोड़ निकाले गए। इन सब मामलों की जांच होनी है।
  • 17.73 लाख संदिग्ध खातों की पहचान हुई,  जिनकी टैक्स प्रोफाइल नोटबंदी के दौरान जमा कैश से मैच नहीं हुई। IT विभाग इन पर नजर रखे हुए हैं। 4.7 लाख से ज्यादा संदिग्ध ट्रांजेक्शन भी रिकॉर्ड किए गए हैं।
  • 29,213 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। 1626 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त की गई।
  • नोटबंदी के दौरान बड़ी मात्रा में ब्लैकमनी को व्हाइट करने ले जाया जा रहा कैश भी बरामद किया गया। कईं जगह तो कूड़े के ढेरों पर, सड़कों पर और नालों में लोगों ने 500 और 1000 के पूराने नोट बहा दिए।
  • डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 1 साल में 13 लाख से ज्यादा POS मशीनें खरीदी गईं। इससे पहले मात्र 15 लाख POS मशीनें उपयोग में थी। डिजिटल पेमेंट में 58% का उछाल आया।
  • लोन सस्ते हुए। रियल एस्टेट की कीमतें घटी, जिससे घर खरीदना आसान हुआ। महंगाई दर घटी।
  • कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई। नक्सली गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
  • टैक्स जमा करने वालों की संख्या बढ़ी। 56 लाख नए इंडिविजुअल टैक्स पेयर्स ने इस बार टैक्स रिटर्न फाइल किए। 
  • वर्ल्ड बैंक ने आर्थिक सुधारों के चलते ईज ऑफ डूइंग बिजनैस रिपोर्ट में भारत को 100वां स्थान दिया। पहले यह 130 था।
  • वर्ल्ड बैंक CEO ने भारत के 2047 तक टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल होने की बात कही।

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