आईटी के नए नियमों से टैक्स चोरी पर कसेगा शिकंजा

आईटी के नए नियमों से टैक्स चोरी पर कसेगा शिकंजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-06 15:32 GMT
आईटी के नए नियमों से टैक्स चोरी पर कसेगा शिकंजा

टीम डिजिटल, नई दिल्ली। अब इनकम टैक्स (आईटी) के तहत ऑडिट करने वालों को अपनी अचल संपत्ति से जुडे 20 हजार रुपए से ज्यादा के हर ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट भी फाइल करनी होगी। नए नियम के अनुसार अब हर आॅडिटर अपने क्लाइंट की अचल संपत्ति से जुडे 20 हजार रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन को बताना अनिवार्य है।

निर्देशानुसार आॅडिटर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जो रिपोर्ट दाखिल करनी है, अब उससे जुडे इस नियम के बदल जाने से इसका झटका इससे जुडे लोगों को लगेगा। एक नोटिफिकेशन के तहत टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स के सेक्शन 44 एबी के तहत टैक्स आॅडिट रिपोर्ट के लिए फाॅर्म 3 सीडी को रिवाइज्ड किया गया है। यह नियम 19 जुलाई 2017 से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रभावी होगा।

क्या है नियम

इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक 50 लाख रुपए की सालाना कमाई वाले पेशेवर और एक करोड रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को अपने एकाउंट का आॅडिट करना जरूरी है। हालांकि वित्त वर्ष 2018-19 से कंपनियों के लिए यह लिमिट बढाकर 2 करोड रुपए कर दी गई है। इसके दायरे में आने वाले लोगों को अब तक आॅडिट रिपोर्ट में 20 हजार रुपए से ज्यादा के लोन और रीपेमेंट का ही उल्लेख करना होता था, लेकिन अब उन्हें अचल संपत्ति से जुडी 20 हजार रुपए से अधिक की जानकारी भी साझा करनी पडेगी।

टैक्स चोरी रोकने की कवायद 

टैक्स चोरी रोकने की कवायद माना जा रहा है कि इस नियम से टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। पहले 20 हजार रुपए से कम के ऐसे ट्रांजेक्शन का रिकाॅर्ड अनिवार्य नहीं था, लेकिन अब इनके भी रिकाॅर्ड रखने की अनिवार्यता के चलते इतने छोटे-छोटे एमाउंट की शक्ल में भी लोग चोरी नहीं कर पाएंगे।

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