भारत का चीनी निर्यात 50 लाख टन भी मुश्किल, ब्राजील से मिल रही शिकस्त

भारत का चीनी निर्यात 50 लाख टन भी मुश्किल, ब्राजील से मिल रही शिकस्त

IANS News
Update: 2020-06-08 06:46 GMT
भारत का चीनी निर्यात 50 लाख टन भी मुश्किल, ब्राजील से मिल रही शिकस्त

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) के शुरुआती आठ महीने में 42 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, लेकिन अगले चार महीने में आठ लाख टन निर्यात होना भी मुश्किल है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय चीनी को ब्राजील से कड़ी शिकस्त मिल रही है। वहीं, कोरोना काल में घरेलू मांग भी नरम पड़ गई।

कोरोना काल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट के बाद ब्राजील ने गन्ने की एथेनॉल के बजाय चीनी उत्पादन पर जोर दिया है और इसका निर्यात लगातार बढ़ता जा रहा है।

जानकार बताते हंै कि एक तरफ कच्चे तेल की मांग घटने से एथेनॉल की मांग कम हो गई, वहीं चीनी का दाम बढ़ने से एथेनॉल के बजाय चीनी बनाने में लाभ ज्यादा होने लगा। यही कारण है कि ब्राजील ने चीनी के उत्पादन पर जोर दिया।

उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया, ब्राजील की चीनी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आने के बाद भारत से निर्यात की गति थोड़ी कम पड़ गई है। चालू सीजन में भारत का चीनी निर्यात 50 लाख टन से नीचे ही रह सकता है।

उन्होंने बताया कि ब्राजील की करीब 100 लाख टन चीनी वैश्विक बाजार में आ चुकी है।

भारत सरकार ने चालू चीनी सीजन 2019-20 में चीनी मिलों को एमएईक्यू यानी अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण के तहत 60 लाख टन तक चीनी निर्यात की अनुमति दी है जिस पर सरकार चीनी मिलों को प्रति टन 10,448 रुपए की दर से निर्यात अनुदान देती है।

नाइकनवरे ने बताया कि न सिर्फ निर्यात कम होने की उम्मीद है, घरेलू खपत भी चालू सीजन में पूर्व अनुमान से करीब 20 लाख टन कम रह सकता है।

उन्होंने कहा कि आइस्क्रीम और शीतल पेय के लिए चीनी की मांग जो गरमी के दौरान रहती है वह इस साल कोरोना के कारण नहीं रही। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्तरां, मॉल, कैंटीन आदि लॉकडाउन के दौरान बंद होने से आइस्क्रीम और शीतल पेय की मांग नहीं रही।

हालांकि होटल, रेस्तरां व कैंटीन सोमवार से कई जगहों पर खुल रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि गरमी की मांग तो निकल चुकी है अब थोड़ी मांग में तेजी आएगी जिससे कीमतें भी थोड़ी उपर जा सकती है, लेकिन घरेलू खपत फिर भी 240 लाख टन से ज्यादा होने की उम्मीद नहीं है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भी पिछले दिनों जारी एक बयान में कहा कि, चालू सीजन 2019-20 में चीनी की घरेलू खपत 240 लाख टन और निर्यात करीब 50 लाख टन रह सकता है। चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 270 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल का बकाया 145 लाख टन है। इस प्रकार अगले सीजन के लिए बकाया स्टॉक 125 लाख टन रह सकता है।

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