TRAI के इस फैसले के बाद सस्ती होगी इंटरनेशनल कॉल

TRAI के इस फैसले के बाद सस्ती होगी इंटरनेशनल कॉल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-13 07:30 GMT
TRAI के इस फैसले के बाद सस्ती होगी इंटरनेशनल कॉल

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक संस्था ट्राई अवैध ‘वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ को रोकने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि उसने डोमेस्टिक कॉल्स पर टर्मिनेशन शुल्क को घटाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय इनकमिंग कॉल के टर्मिनेशन शुल्क की दरों को भी 53 पैसे प्रति मिनट से घटाकर आज 30 पैसे प्रति मिनट कर दिया। नई दरें एक फरवरी से प्रभावी होंगी।

ट्राई ने बयान में कहा, "प्राधिकरण ने किसी अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रदाता के जरिए कॉल स्वीकार करने वाले नेटवर्क को किए जाने वाले भुगतान की दर 53 पैसे प्रति मिनट से कम कर 30 पैसे प्रति मिनट कर दिया है।" इस घोषणा के साथ ही ट्राई ने अवैध तरीकों की मौजूदगी का भी जिक्र किया है। विदेश से भारत किए जाने वाले कॉल पर शुल्क से बचने के लिए अवैध "वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल" बनाकर ISD कॉल किए जाते हैं। ट्राई ने कहा कि इन्हें समाप्त किए जाने की जरूरत है। साथ ही ट्राई ने आगे कहा कि अवैध तरीकों से देश की सुरक्षा को गंभीर चुनौती होने के साथ ही देश और घरेलू दूरसंचार कंपनियों को राजस्व का भी नुकसान होता है। 

 

 

आपको बता दें कि इससे पहले पिछले महीने ट्राई ने डोमेस्टिक कॉल्स पर टर्मिनेशन शुल्क की दर को 1 अक्टूबर से प्रति मिनट 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे करने का फैसला किया था। इसी के साथ ट्राई ने ऐलान किया था कि 1 जनवरी, 2020 से किसी तरह का टर्मिनेशनल शुल्क नहीं लगेगा।

ट्राई की घोषणा से रिलायंस जियो को छोड़ बाकी सभी टेलीकॉम कंपनियां सकते में आ गई थीं। उनका कहना था कि इससे पहले से वित्तीय रूप से परेशान टेलीकॉम उद्योग और दबाव में आ जाएगा।

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इन कंपनियों पर पड़ेगा असर

इस बारे में ट्राई पहले भी कई बार बातें कर चुकीं है। ग्रे रूट देश की सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा माना जाता है साथ ही इसे रेवेन्यू को भी बहुत नुकसान हो रहा है। अभी टेलीकॉम कंपनियां उस ऑपरेटर पर टर्मिनेशन चार्ज लगाती हैं, जिसके नेटवर्क से कॉल की गई है। नया नियम लागू होने के बाद से इसमें बदलाव आ जाएगा।

ट्राई ने कहा कि अवैध तरीकों से देश की सुरक्षा को गंभीर चुनौती होने के साथ ही देश और घरेलू दूरसंचार कंपनियों को राजस्व का भी नुकसान होता है। इस फैसले से 3 प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों-भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर को झटका लगना तय है। क्योंकि ज्यादातर इंटरनेशनल कॉल इन्हीं के नेटवर्क पर आती हैं। टर्मिनेशन दर घटने से इनकी कमाई घट जाएगी।

 

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