जेट एयरवेज का उड़ना अब मुश्किल, दिवालिया अर्जी के बाद 41% लुढ़का शेयर

जेट एयरवेज का उड़ना अब मुश्किल, दिवालिया अर्जी के बाद 41% लुढ़का शेयर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-18 13:52 GMT
जेट एयरवेज का उड़ना अब मुश्किल, दिवालिया अर्जी के बाद 41% लुढ़का शेयर
हाईलाइट
  • जेट एयरवेड पर बैंकों का 8
  • 500 करोड़ का कर्ज
  • जेट एयरवेज के खिलाफ दिवालिया याचिका दाखिल करने का फैसला
  • फैसले के बाद जेट एयरवेज का शेयर 41 प्रतिशत गिरे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेट एयरवेज का भविष्य में उड़ान भरना अब मुश्किल नजर आ रहा है। जेट के खिलाफ स्टेट बैंक के नेतृत्व में 26 बैंकों ने दिवालिया याचिका दाखिल की है। बैंकों के इस फैसले के बाद मंगलवार को जेट एयरवेज का शेयर 41 प्रतिशत लुढ़क गया। सोमवार को भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर जेट का शेयर 20 फीसदी लुढ़कने के बाद आखिरी में 16.76 फीसदी गिरावट के साथ 68.30 रुपए पर बंद हुआ था। मंगलवार की इस गिरावट के बाद जेट का बाजार पूंजीकरण 775.87 करोड़ रुपए से घटकर 459.50 करोड़ हो गया है।

कर्जदाताओं ने सोमवार को आयोजित एक बैठक के बाद, संभावित बोलीदाताओं से कोई भी प्रस्ताव नहीं आने के बाद नेशनल लॉ कंपनी ट्रिब्यूनल (NCLT) जाने का फैसला किया था। ऐसी उम्मीदें थीं कि मुंबई स्थित हिंदुजा समूह अबू धाबी स्थित एतिहाद एयरलाइंस के साथ मिलकर एयरलाइन में हिस्सेदारी ले सकता है। बैठक के बाद स्टेट बैंक ने बयान में कहा कि, विचार विमर्श के बाद कर्जदाताओं ने फैसला लिया है कि दिवालिया संहिता के तहत जेट एयरवेज के मामले को निपटाया जाए। यह कदम जरूरी है क्योंकि निवेशक सौदे के तहत सेबी से कुछ छूट चाहता है। बैंक ने कहा, जेट एयरवेज कंपनी दिवालिया संहिता से बाहर ही मामला निपटाना चाहते थे, लेकिन अब दिवालिया संहिता के तहत ही निपटारा किया जाएगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जेट एयरवेज के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी की कार्यवाही इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) 20 जून को बकाया की वसूली के लिए कैरियर के ऑपरेशनल लेनदारों द्वारा दायर की गई दिवालिया याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है।

बता दें कि जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,500 करोड़ का कर्ज है। बैंकों के कर्ज के अलावा जेट एयरवेज पर सैकड़ों वेंडर्स, लीजदाताओं और कर्मचारियों के 3,000 करोड़ वेतन बकाया है। जेट एयरवेज के करीब 20 हजार कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। पिछले कुछ वर्षों में एयरलाइन को 13,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं किराए में भी 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर जेट एयरवेज के स्लॉट अन्य विमान कंपनियों को दे दिया है। 


 

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