बजट-2018: इन 5 चीजों पर फोकस करेगी मोदी सरकार

बजट-2018: इन 5 चीजों पर फोकस करेगी मोदी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-08 09:09 GMT
बजट-2018: इन 5 चीजों पर फोकस करेगी मोदी सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर 1 फरवरी को मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट पेश करेंगे। इससे पहले तक फरवरी के आखिरी और मार्च की शुरुआत में ही बजट पेश किया जा सकता था, लेकिन पिछले साल से सरकार ने इस परंपरा को बदल दिया है। बजट-2018 बहुत खास रहने वाला है, क्योंकि ये बजट मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट होगा और साथ ही जीएसटी लागू होने के बाद पहला बजट होगा। इस बजट में सरकार इंफ्रास्ट्रचक्चर के साथ-साथ किसानों और युवाओं का भी ध्यान रखेगी, क्योंकि ये चीजें सरकार की फर्स्ट प्रायोरिटी रही है। इसके अलावा सरकार का ध्यान अगले साल होने वाले जनरल इलेक्शन पर भी रहेगा। इस बजट के सहारे ही मोदी सरकार लोगों को लुभाने की कोशिश करेगी। आइए जानते हैं बजट-2018 में किन-किन चीजों पर सरकार फोकस कर सकती है?


1. ग्रामीण क्षेत्रों और किसान पर फोकस : 

विधानसभा चुनावों के नतीजों से एक बात सामने आई है कि बीजेपी का वोट शेयर सिर्फ शहरी इलाकों में ही बढ़ा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में पार्टी उतना काम नहीं कर पा रही है। इसलिए मोदी सरकार के इस आखिरी फुल बजट में ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों पर फोकस किया जाएगा, ऐसा लगभग तय है। ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए मोदी सरकार इस बार ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के लिए फंड एलोकेशन बढ़ा सकती है।

2. रोजगार पर भी होगा ध्यान : 

2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने सरकार आने पर करोड़ों रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन बीते 4 सालों में मोदी सरकार इसपर फेल रही है। इसलिए इस बजट में रोजगार पर ध्यान भी रहेगा। माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बजट में "नेशनल एंप्लॉयमेंट पॉलिसी" का एलान भी कर सकती है, जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा किए जा सकें। हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ लेबर की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2015 में सबसे कम 1 लाख 35 हजार नौकरियां ही पैदा हुई हैं। जबकि 2014 में 4 लाख 21 हजार और 2013 में 4 लाख 19 हजार नौकरियां पैदा हुई थी।

3. इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ेगा खर्च : 

फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली पहले ही कह चुके हैं सरकार बजट-2018 में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ावा देगी। लिहाजा इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार ज्यादा फंड एलोकेट कर सकती है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि "भारत को फाइनेंशियल ईयर 2018 और 2022 के दौरान अपने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तकरीबन 50 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की जरुरत है।" वहीं मोदी सरकार भी पहले ही एलान कर चुकी है कि 2022 तक 83,000 किलोमीटर हाईवेज़ के निर्माण के लिए 7 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी।

4. टैक्स में मिल सकती है छूट : 

इसके साथ ही बजट-2018 में सरकार आम आदमी को खुश करने के लिए टैक्स में भी छूट दे सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सरकार अपने आखिरी फुल बजट में टैक्स छूट, हेल्थ इंश्योरेंस पर एक्स्ट्रा प्रॉफिट और एफडी पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज देने का एलान कर सकती है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में सेंसेक्स में उछाल और म्यूचल फंड्स के रिटर्न में इजाफा होने की वजह से गवर्मेंट इन्वेस्टमेंट प्लानिंग में लोगों का ध्यान कम हुआ है। इसके अलावा इकोनॉमिस्ट ने इंडियन इंडस्ट्रीज़ को कंपीटिटीव बनाने के लिए कॉरपोर्ट टैक्स रेट में कटौती करने की मांग की है।

5. घर और कार खरीदना हो सकता है सस्ता : 

जीएसटी लागू होने के बाद मोदी सरकार का ये पहला बजट है और ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कई चीजों को जीएसटी के दायरे में ला सकती है। सरकार प्रापर्टी को जीएसटी के दायरे में लाने पर सोच रही है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी के लिए घर खरीदना सस्ता हो सकता है। इस बात की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि बिल्डर्स को अभी कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर इनपुट टैक्स क्रैडिट मिल जाता है। ऐसे में सरकार रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल कर सकती है, साथ ही स्टांप ड्यूटी पर भी कुछ राहत दे सकती है। इसके अलावा सरकार इस बजट में कारों पर लगने वाले सेस पर भी छूट दे सकती है, जिससे नई और सेकंड हैंड कार खरीदना सस्ता हो जाएगा। 

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