1 जनवरी से डेबिट कार्ड से 2000 रुपए तक की खरीदारी पर 'नो चार्ज'

1 जनवरी से डेबिट कार्ड से 2000 रुपए तक की खरीदारी पर 'नो चार्ज'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 12:03 GMT
1 जनवरी से डेबिट कार्ड से 2000 रुपए तक की खरीदारी पर 'नो चार्ज'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने और उसे प्रमोट करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। लोगों को डिजिटल लेनदेन के लिए आकर्षित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को एक और बड़ी स्कीम लागू की है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब 2000 रुपये तक की डिजिटल ट्रांजेक्शन पर MDR यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट चुकाएगी। सरकार यह MDR 2 साल तक देगी। सरकार ने घोषणा की यह कि यह सुविधा 1 जनवरी से प्रभावी हो जाएगी। कैबिनेट की बैठक में एमडीआर चार्जेज खत्म करने पर भी सहमति बनी। डेबिट कार्ड से 2000 रुपए तक का भुगतान करने पर सब्सिडी मिलेगी। 

 

 

 


गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले पर मंजूरी दे दी है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद बताया कि डिजिटल ट्राजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है और इसी क्रम में सरकार ने फैसला लिया है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को लोगों के लिए आकर्षित करने के लिए अब सरकार बैंकों और व्यापारियों को MDR का भुगतान करेगी। डेबिट कार्ड, आधार के जरिए पेमेंट, UPI (भीम ऐप) से पेमेंट करने पर भी सरकार यह राशि वापस करेगी। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस सिस्टम के ठीक से क्रियान्वन कराने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो इस पर निगरानी करेगी।

प्रसाद ने बताया कि सरकार के प्रयासों के चलते ही डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेजी आ रही है। उन्होंने बताया कि अप्रैल से सितंबर 2017 में केवल डेबिट कार्ड से 2 लाख 18 हजार, 700 करोड़ का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ है और वित्त वर्ष के अंत तक यह 4 लाख 37 हजार करोड़ का हो जाएगा। 

कहां देना होता है MDR ?


MDR डेबिट या क्रेडिट कार्ड सुविधा का उपयोग करने के लिए बैंक दुकानदारों से वसूलता है। अभी देश में मासिक आधार पर 27 से 28 करोड़ पीओएस लेनदेन होते हैं। इनमें औसतन एक लेनदेन 1,500 रुपए का होता है। 

 

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