आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी में मोदी सरकार

आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी में मोदी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-02 16:54 GMT
आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी में मोदी सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक अपराधों पर लगाम लगाने के संकेत दिए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में आर्थिक अपराध कर देश से भाग जाने वालों के खिलाफ कानून बनाने के लिए बिल पेश हो सकता है। बिल के अनुसार अगर इकोनॉमिक फ्रॉड का केस है और आरोपी देश से भागता है तो सरकार उसकी तमाम संपत्तियों को तत्काल जब्त कर सकेगी। सरकार का दावा है कि इस बिल के लिए विपक्षी दलों से भी बात हो चुकी है।

विजय माल्या के देश छोड़कर लंदन भाग जाने के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। यही कारण है कि मोदी सरकार यह बिल पेश करना चाह रही है। प्रस्तावित बिल को लॉ मिनिस्ट्री से मंजूरी मिलने के बाद सरकार संसद से इसे पास कराने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, बिल में पीएमओ के सुझाव पर एक बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब आर्थिक फ्रॉड की सीमा 100 करोड़ से घटाकर 75 करोड़ कर दी गई है। पहले के बिल के अनुसार 100 करोड़ या इससे अधिक के फ्रॉड को ही इसमें शामिल करने का प्रस्ताव था।

बता दें कि केन्द्र सरकार 15 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच होने वाले सत्र में तत्काल तीन तलाक के खिलाफ कानून और ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित बिल को भी पेश कर सकती है।

आर्थिक अपराध या घोटाला करने वालों को लेकर NCRB ने एक ताजा आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। अगर इन आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे अपराधी कमजोर कानून और लंबी न्यायिक प्रक्रिया के कारण बार-बार बच रहे हैं। इससे यह बात सामने आई कि न सिर्फ इसके केस लगातार बढ़े हैं बल्कि कानूनी पेचीदगी के कारण न्याय और सजा के स्तर तक मामला पहुंचने में लंबा वक्त लगता है।

NCRB ने पहली बार अपने आंकड़ों में आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों को विस्तार से शामिल किया है। 2016 में ऐसे मामलों में मात्र 5 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि पूरे साल आर्थिक अपराध से जुड़े 1,43,524 मामले दर्ज हुए। इनमें 920 तो ऐसे मामले हैं जिनमें आर्थिक अपराध का केस एक करोड़ के आसपास का था। इनमें सबसे अधिक 111 मामले राजधानी दिल्ली में आए।

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