इनकम टैक्स : 1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये बड़े नियम, आम आदमी पर पड़ेगा असर
इनकम टैक्स : 1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये बड़े नियम, आम आदमी पर पड़ेगा असर
Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-30 11:27 GMT
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 है, यानि 1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो रहा है। हम आपको बता दें कि इस नए फाइनेंशियल ईयर से कई बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव भी होने वाले हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ने वाला है। बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को आम बजट में 2018-19 के लिए कई बदलाव पेश किए थे। यही वो प्रमुख बदलाव हैं, जो इस 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
ये रहे प्रमुख बदलाव...
- इलाज के खर्च पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर अब एक लाख रुपए तक कर दी गई है। अभी 60 साल से अधिक वालों के लिए 60,000 और 80 साल से ज्यादा के लिए 80,000 रुपए थी।
- सीनियर सिटीजंस को अब एक साल में बैंक में जमा रकम पर मिलने वाले 50,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा। पहले टैक्स से छूट की लिमिट 10,000 रुपए थी।
- 1 अप्रैल से 15,000 रुपए मेडिकल री-इम्बर्समेंट और 19,200 रुपए ट्रांसपोर्ट अलाउंस सुविधा वापस ले ली जाएगी। मतलब कि अब से पेंशनभोगियों और वेतनभोगियों को 40,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा।
- एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा। सप्लायर के अलावा ट्रांसपोर्टर, कूरियर एजेंसी और ई-कॉमर्स ऑपरेटर भी बिल जेनरेट कर सकते हैं। गाड़ी में रखे माल की कीमत 50,000 रुपए से कम है तो बिल नहीं चाहिए। टैक्स से छूट वाली वस्तुओं की कीमत इसमें नहीं जुड़ेगी।
- 1 अप्रैल से अब आपको एजुकेशन एंड हेल्थ सेस पर 3 फीसदी की जगह 4 फीसदी सेस देना होगा। अब आपको कुल इनकम टैक्स पर अब 1 फीसदी ज्यादा यानी 4 फीसदी सेस देना होगा। यह घोषणा बजट 2018 में वित्त मंत्री ने की थी।
- अब ऐसे एनपीएस अकाउंट होल्डर जो सैलरी क्लास से नहीं है अगर अपना अकाउंट क्लोज करते हैं तो उनको कुल फंड की 40 फीसदी राशि पर टैक्स नहीं देना होगा। सैलरी क्लास के अकाउंट होल्डर्स को टैक्स में छूट की सुविधा पहले से मिल रही है, अब यह सुविधा नॉन सैलरी क्लास के अकाउंट होल्डर्स को भी मिलेगी।
- एक साल से ज्यादा के निवेश में मुनाफे पर 10% टैक्स और इस पर 4% सेस लगेगा। अभी तक लॉन्ग टर्म निवेश पर टैक्स नहीं था। एक साल में कैपिटल गेन एक लाख रुपए तक है तो टैक्स नहीं लगेगा।
- नए साल से नए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड 115 भी लागू होंगे। इससे रेवेन्यू की अकाउंटिंग ज्यादा पारदर्शी होगी। इसी के साथ पुराने दो स्टैंडर्ड 18 और 11 खत्म हो जाएंगे।
- सीनियर सिटीजंस के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस जमा (एफडी, रेकरिंग) पर 50,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स-फ्री होगा। अभी तक 10,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स-फ्री था।
- एसबीआई ने बैंक खाते में एवरेज मंथली बैलेंस न होने पर लगने वाला चार्ज कम किया है। नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी।
- शहरी क्षेत्रों में शुल्क 50 रु. की जगह 15 रु., अर्धशहरी क्षेत्रों में 40 की जगह 12 रु. और गांव-कस्बों में 40 की जगह 10 रु. होगा। इस शुल्क पर 18% जीएसटी भी लगेगा।