नागपुर जिले के सिर्फ 3726 किसानों को ही मिला सका फसल बीमा का लाभ

नागपुर जिले के सिर्फ 3726 किसानों को ही मिला सका फसल बीमा का लाभ

Tejinder Singh
Update: 2018-07-24 12:32 GMT
नागपुर जिले के सिर्फ 3726 किसानों को ही मिला सका फसल बीमा का लाभ
हाईलाइट
  • जिनमें से केवल 3726 किसानों को ही कंपनी की तरफ से फसल बीमा का लाभ दिया गया है।
  • जिले के कुल 39449 किसानों ने फसल बीमा कराया था।
  • भारतीय कृषि बीमा कंपनी ने पिछले साल जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई थी
  • उन्हें फसल बीमा का लाभ दिया है।

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय कृषि बीमा कंपनी ने पिछले साल अतिवृष्टि के चलते जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई थी, उन्हें  फसल बीमा का लाभ दिया है। जिले के कुल 39449 किसानों ने फसल बीमा कराया था, जिनमें से केवल 3726 किसानों को ही कंपनी की तरफ से फसल बीमा का लाभ दिया गया है। फसल बीमा का लाभ देने की मांग को लेकर जिले में आंदोलन तक हुए थे, लेकिन कंपनी ने गिने-चुने किसानों को ही लाभ दिया है। बीमा कंपनी ने 39449 किसानों से प्रीमियम (बीमा हफ्ता) के रूप में 6 करोड़ 82 लाख रुपए लिए थे। 

कृषि विभाग ने लिया था जायजा
जिले में 39449 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा कराया था। इसमें कपास, धान, तुअर, सोयाबीन, उड़द, मूंग, मूंगफली, ज्वारी, संतरा व मोसंबी उत्पादक किसान शामिल थे। संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों की संख्या केवल 3231 ही थी। गत वर्ष अतिवृष्टि के कारण जिले में खरीफ की फसल बर्बाद हो गई थी। कृषि विभाग के अधिकारियों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर फसल नुकसान का जायजा लेने के बाद अपनी रिपोर्ट बीमा कंपनी को भेजी थी। बीमा कंपनी के ध्यान नहीं देने पर शासन स्तर पर भी इसका फालाे अप लिया गया था। जिले में इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई थी। 

विधायक ने किया था आंदोलन
भाजपा विधायक आशीष देशमुख व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने काटोल, नरखेड में किसानों को साथ लेकर आंदोलन किया था। नेताआें ने बीमा कंपनी की मनमानी की शिकायत की थी। तकनीकी नियम, शर्तों का हवाला देकर फसल बीमा का लाभ नहीं देने का आरोप कंपनी पर लगाया गया था। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कृषि व राजस्व अधिकारियों को बीमा कंपनी के साथ समन्वय बनाकर किसानों को राहत देने की दिशा में काम करने को कहा था। इसके बावजूद बीमा कंपनी ने जिले के मात्र 3726 किसानों को 7 करोड़ 72 लाख 45 हजार सहायता राशि दी है।

इसमें संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों को 6 करोड़ 36 लाख 22 हजार राहत राशि मिली है। संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों की संख्या कम है, जबकि सबसे ज्यादा नुकसान फल उत्पादक किसानों का ही हुआ था। सरकार ने इस बार फसल बीमा का काम भारतीय कृषि बीमा कंपनी से निकालकर एक निजी कंपनी को दिया है। हाल ही में हुई भारी बारिश से भी फसलों का नुकसान हुआ है। राजस्व अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में फसल नुकसान का उल्लेख नहीं है।

जिला प्रशासन का कहना है कि अभी जो सर्वे किया गया है, उसमेें संपत्ति व जानमाल के नुकसान का आकलन किया गया है। फसल नुकसान का सर्वे कृषि अधिकारियों को साथ लेकर किया जाएगा आैर उसकी स्वतंत्र रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिला प्रशासन की आेर से बताया गया कि गत वर्ष खरीफ के मौसम में हुए फसलों के नुकसान के बारे में बीमा कंपनी ने देर से ही सही पात्र किसानों (पीड़ितों) को नुकसान भरपाई दी है।

 

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