पेंशन : जहां बैंक नहीं वहां डाकघरों में खुलेंगे पेंशनरों के खाते

पेंशन : जहां बैंक नहीं वहां डाकघरों में खुलेंगे पेंशनरों के खाते

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-25 06:18 GMT
पेंशन : जहां बैंक नहीं वहां डाकघरों में खुलेंगे पेंशनरों के खाते

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की ऐसी ग्राम पंचायतें जिसकी 5 किलोमीटर की परिधि में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, किन्तु पोस्ट ऑफिस की शाखा उपलब्ध है, उन ग्राम पंचायतों के पेंशन हितग्राहियों के बचत खाते पोस्ट ऑफिस में खुलवाए जाएं। ऐसे खाते पेंशन पोर्टल पर अपडेट किए जाएं, जिससे कि पेंशन हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान उनके खाते में हो सके और उन्हें राशि का आहरण करने के लिए अधिक दूरी नहीं तय करना पड़े।

यह ताजा निर्देश राज्य के समाजिक न्याय के संचालक कृष्ण गोपाल तिवारी ने सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा सामाजिक न्याय विभाग के संभागों एवं जिलों में पदस्थ संयुक्त संचालकों एवं उप संचालकों को जारी किए हैं।

तिवारी ने अपने निर्देशों में कहा है कि सामाजिक न्याय विभाग वृध्दजनों, कल्याणी (विधवा), परित्यक्ता एवं दिव्यांगजनों के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृध्दवास्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तजन पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन इत्यादि योजनाएं संचालित करता है एवं सिंगल क्लिक के माध्यम से 38 लाख से अधिक पेंशन हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान प्रत्एक माह की 1 तारीख को उनके बैंक खातों में करता है।

राज्य स्तर से हितग्राही के खाते में पेंशन का भुगतान तो समय पर हो रहा है किन्तु प्रदेश में बैंक शाखा की सीमित संख्या होने के कारण अधिकांश हितग्राहियों को पेंशन राशि प्राप्त करने के लिए 5 किलोमीटर से अधिक दूरी भी तय करना पड़ रही है, जो उनकी आयु, नि:शक्तता को देखते हुए एक वास्तविक बाधा है।

निर्देशों में आगे कहा गया है कि डाक विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्तमान में डाक विभाग द्वारा पोस्ट ऑफिस में कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) लागू कर दिया गया है, जिसमें बैंक की तरह पोस्ट ऑफिस के हितग्राहियों को भी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट किया जा सकता है। राज्य में वर्तमान में 43 प्रधान डाकघर, 974 उप डाकघर एवं 7150 शाखा डाकघर कोर बैंकिंग सिस्टम से लिंक हैं। इसलिए अब इन डाकघरों में पेंशनरों के खाते खुलवाए जाएं।

आधार की समस्या का निकाला हल
निर्देशों में बताया गया है कि ऐसे पेंशन हितग्राही जिनकी अधिक उम्र या शारीरिक विकृति होने से उनके फिंगर प्रिन्ट अथवा फेस रिकागनिशन न होने पाने से आधार नहीं बन पा रहे हैं या आधार बनने के पश्चात उक्त कारणों से फिंगर प्रिन्ट अथवा फेस रिकागनिशन मैच न होने से पेंशन भुगतान नहीं हो पा रही है, उन पेंशन हितग्राहियों के बचत खाते भी पोट ऑफिस में खोले जाएं जिससे उनकी स्थानीय स्तर पर पहचान की जाकर पेंशन भुगतान पोस्ट ऑफिस के माध्यम से हो सके।

इनका कहना है
‘‘हमारे देश में 1855 से पोस्टमेन की व्यवस्था है तथा अब इस पोस्टमेन के माध्यम से गांव के उन पेंशन हितग्राहियों की पहचान की जाएगी जिनकी अधिक उम्र या शारीरिक विकृति होने से उनके फिंगर प्रिन्ट अथवा फेस रिकागनिशन न होने से आधार नहीं बन पा रहे हैं या मैच नहीं हो पा रहे हैं। सागर में एक वृध्दाश्रम के निरीक्षण में यह समस्या सामने आई थी। ऐसे लोगों के अब डाकघरों में खाते खुलवाए जाएंगे।’’
- कृष्ण गोपाल तिवारी, संचालक, सामाजिक न्याय विभाग मप्र

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