55 महीनों में सबसे महंगा हुआ पेट्रोल, MP में पेट्रोल के दाम 80 के पार

55 महीनों में सबसे महंगा हुआ पेट्रोल, MP में पेट्रोल के दाम 80 के पार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 05:16 GMT
55 महीनों में सबसे महंगा हुआ पेट्रोल, MP में पेट्रोल के दाम 80 के पार


डिजिटल डेस्क, भोपाल । मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल की कीमत 80.20 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल का रेट 69.23 रुपए है। वहीं सोमवार को पेट्रोल 80.4 रुपए प्रति लीटर बिका था। ये 55 महीने में सबसे ज्यादा है। इतना ही नहीं पेट्रोल की मार से देश की राजधानी दिल्ली भी अछूती नहीं है। यहां मंगलवार को पेट्रोल 74.50 रुपए तक बिक रहा है। इससे पहले 14 सितंबर 2013 को भोपाल में पेट्रोल के दाम 80.95 रुपए थे। पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाने के पक्ष में नहीं है। वो चाहती है कि राज्य वैट कम करें।

तीन साल पहले कच्चे तेल के दाम घटने पर जब सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा रही थी, तब पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ने पर सरकार ड्यूटी घटाएगी, लेकिन अब सरकार इनकार कर रही है। सोमवार को दिल्ली, भोपाल में बढ़ी पेट्रोल की कीमतों ने आम आदमी की उम्मीदों को तोड़ा है।

किसका कितना वैट पर हक?

पेट्रोल 80 रुपए 20 पैसे प्रति लीटर है, जिसमें केंद्र सरकार टैक्स के रूप में 19.48 रुपए ले रही है और राज्य सरकार का हिस्सा ( वैट 28%, सेस 1%, एडिशनल टैक्स 4 रुपए) 27 रुपए 25 पैसे के आसपास है। यानी एक लीटर पेट्रोल पर कुल टैक्स 46 रुपए 73 पैसे है। 

पेट्रोल कीमत का 47.4% टैक्स में

1 अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, अब 19.48 रुपए है। यानी 105% ज्यादा। दिल्ली में वैट 15.84 रुपए है। कीमत का 47.4% टैक्स में जाता है।

डीजल कीमत का 38% टैक्स में

1 अप्रैल 2014 को डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी, अब 15.33 रुपए है। यानी 330% ज्यादा। दिल्ली में वैट 9.68 रुपए है। कीमत का 38.03% हिस्सा टैक्स है।

और कितने बढेंगे पेट्रोल के दाम?

वैश्विक रिसर्च फर्म जेपी मॉर्गन अनुसार यदि सीरिया में चल रहा तनाव कम नहीं हुआ तो इससे भारत में पेट्रोल की कीमत 90 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकती है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल आयात करता है और इसका पेमेंट डॉलर में करता है। ऐसे में यदि कीमत बढ़ती तो ज्यादा डॉलर देने होंगे। जिसका असर रुपए पर पड़ेगा। डॉलर का भाव मजबूत होगा, जबकि रुपए का कम। हम पर दोहरी मार पड़ेगी।

जिम्मेदारी भूली सरकार 

17 दिसंबर 2015 को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था- "जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे और उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा, तब एक्साइज ड्यूटी घटाने पर विचार करेंगे। कंज्यूमर को राहत देना सरकार की जिम्मेदारी है।" 

क्या कहना है सरकार का?

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी एक-एक रुपए कम हुई तो केंद्र सरकार का रेवेन्यू 13,000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा। अगर हमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखना है तो एक्साइज  ड्यूटी कम नहीं कर सकते। 

 

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