PMC BANK: खाताधारकों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार

PMC BANK: खाताधारकों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-18 03:00 GMT
PMC BANK: खाताधारकों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC) के खाताधारकों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने पाबंदी के खिलाफ दाखिल अर्जी को सुनने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है। दिल्ली के रहने वाले बीके मिश्रा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में मांग की है कि पीएमसी घोटाले के आरोपियों के कारण लोगों का पैसा अटक गया है। ऐसे में वित्तीय संकट होने पर बैंक और जमा राशियों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश दिए जाएं। बीके मिश्रा ने 15 लाख खाताधारकों के लिए 100 प्रतिशत इंश्योरेंस कवर की मांग की है। 

 

अरोरा पुलिस हिरासत में पूर्व निदेशक
पीएमसी घोटाले के आरोपी बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोरा को 22 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अरोरा को बुधवार को गिरफ्तार किया था। सुरजीत सिंह को गुरुवार मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। इस दौरान पुलिस ने आवेदन दिया था कि पूर्व निदेशक इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका है। वह उस कमेटी के सदस्य थे जो कर्ज मंजूर करता था। इस कारण उनसे पूछताछ किया जाना आवश्यक है। मजिस्ट्रेट ने पुलिस के आवेदन को स्वीकार करते हुए अरोरा को 22 अक्टूबर तक हिरासत को मंजूर कर दिया। 

रकम निकासी बढ़ी
बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा को बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दिया। पहले निकासी की सीमा 25,000 रुपये थी। पीएमसी बैंक की तरलता की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। इस छूट के साथ बैंक के 77 प्रतिशत जमाकर्ता अपना पूरा खाता शेष निकाल सकेंगे। यह तीसरी बार है जब बैंक ने निकासी की सीमा बढ़ाई है। पहले 1,000 रुपये की निकासी की थी जो बाद में बढ़कर 10,000 रुपये और 25,000 रुपये हो गई। पीएमसी बैंक में फ्रॉड सामने आने के बाद आरबीआई ने 23 सितंबर को बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाने के बाद निर्देश दिए थे।

करोड़ों का लोन बांट
बता दें पीएमसी बैंक ने अनियमितता बरतते हुए एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) को हजारों करोड़ रुपए का लोन बांटा था। इसके कारण कम से 4,355 करोड़ रुपए का लोन डूब जाने का अनुमान है। बैंक के कर्मचारियों ने एचडीआईएल के खाते को एनपीए घोषित करने से बचाए रखने के लिए कई डमी अकाउंट्स का इस्तेमाल किया था।इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एचडीआईएल  के दो प्रमोटरों, राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन को गिरफ्तार किया था। ईओडब्लू ने दावा किया था कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक के साफ्टवेयर के साथ कुछ छेड़छाड की गई थी ताकि 44 खातों को छुपाया जा सके। इन खातों का संबंध एचडीआईएल से होने की आशंका है।

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