PNB का घाटा चौथी तिमाही में कम होकर 4,750 करोड़ रुपए ही बचा

PNB का घाटा चौथी तिमाही में कम होकर 4,750 करोड़ रुपए ही बचा

Manmohan Prajapati
Update: 2019-05-28 11:20 GMT
PNB का घाटा चौथी तिमाही में कम होकर 4,750 करोड़ रुपए ही बचा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (PNB) का घाटा चौथी तिमाही में कम होकर 4,750 करोड़ रुपए रह गया है। डूबे कर्ज के लिए प्रावधान घटने तथा संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार से बैंक का घाटा कम हुआ है। बता दें कि हजारों करोड़ रुपए के घोटाले की वजह से PNB को इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 13,417 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 

शुद्ध घाटा 65 प्रतिशत कम
जानकारी के अनुसार बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2019) का शुद्ध घाटा 65 प्रतिशत कम होकर 4,750 करोड़ रुपए रह गया। बैंक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि तिमाही के दौरान उसका ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (NPA) घटकर 15.50 प्रतिशत पर आ गया, जो मार्च 2018 में 18.38 प्रतिशत था। इसी तरह बैंक का नेट NPA 11.24 प्रतिशत से घटकर 6.56 प्रतिशत रह गया। 

शेयर बाजार को भेजी सूचना 
बैंक ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा है कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 14,725.13 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 12,945.68 करोड़ रुपए रही थी। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध घाटा 9,570.11 करोड़ रुपए रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में 12,113.36 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष के दौरान बैंक की आय बढ़कर 59,514.53 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 57,608.19 करोड़ रुपए थी। 

ऐसे घटी घाटे की राशि
तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर 15.50 प्रतिशत पर आ गईं, जो मार्च, 2018 में 18.38 प्रतिशत थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध NPA 11.24 प्रतिशत से घटकर 6.56 प्रतिशत रह गया। मूल्य के हिसाब से बैंक का सकल NPA 78,472.70 करोड़ रुपए रहा जो 2017-18 के अंत तक 86,620.05 करोड़ रुपए था। इसी तरह बैंक का शुद्ध NPA 48,684.29 करोड़ रुपए से घटकर 30,037.66 करोड़ रुपए पर आ गया। 

इन बैंकों का हो सकता है विलय
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों को घाटे से उबारने के लिए बैंकों के एकीकरण की योजना पर काम कर रहा है। जानकारी के अनुसार इस साल पंजाब नेशनल बैंक के साथ 4 छोटे बैंकों का विलय किया जा सकता हैं। इन 4 बैंकों में सिंडिकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक के नाम शामिल हो सकते हैं। 

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