नीति आयोग उपाध्यक्ष बोले- रघुराम राजन की नीतियों के चलते ठंडी पड़ी थी अर्थव्यवस्था

नीति आयोग उपाध्यक्ष बोले- रघुराम राजन की नीतियों के चलते ठंडी पड़ी थी अर्थव्यवस्था

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-03 11:35 GMT
नीति आयोग उपाध्यक्ष बोले- रघुराम राजन की नीतियों के चलते ठंडी पड़ी थी अर्थव्यवस्था
हाईलाइट
  • ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह कहा जा सके की विकास दर में गिरावट और नोटबंदी का कोई संबंध हो।
  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विकास दर में गिरावट के लिए पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों को जिम्मेदार बताया।
  • विकास दर में आई गिरावट के लिए नोटबंदी जिम्मेदार नहीं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या विकास दर में आई गिरावट के लिए नोटबंदी जिम्मेदार थी? नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की माने तो ऐसा नहीं है। इसकी वजह NPA की समस्या है जो यूपीए सरकार और पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नीतियों के कारण उतपन्न हुई। राजीव कुमार ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही से पहले लगातार 9 तिमाही में दर्ज हुई गिरावट के लिए राजन की आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं। ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि विकास दर में गिरावट और नोटबंदी का कोई संबंध हो। 

राजीव कुमार ने कहा, "जब NDA सरकार सत्ता में आई तो NPA का आंकड़ा करीब 4 लाख करोड़ रुपया था यह 2017 के मध्य तक बढ़कर साढ़े 10 लाख करोड़ हो गया। रघुराम राजन ने एनपीए की पहचान के लिए नई प्रणाली बनाई थी और यह लगातार बढ़ता रहा। NPA बढ़ने की वजह से बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्री को उधार देना बंद कर दिया। मीडियम और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री का क्रेडिट ग्रोथ निगेटिव में चला गया, लार्ज स्केल इंडस्ट्री के लिए भी यह 1 से 2.5 फीसदी तक गिर गया। भारतीय इकोनॉमी के इतिहास में क्रेडिट में आई यह सबसे बड़ी गिरावट थी।"

 

 

हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (GNPA) मार्च 2019 में 10 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। 30 जून, 2018 को ये 11.52 प्रतिशत था। ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नेट NPA में भी इस साल जून के अंत तक 5.92 फीसदी की तुलना में 4.3 फीसदी की कमी होने की उम्मीद है। 

 

 

 

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