संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए RBI गवर्नर उर्जित पटेल

संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए RBI गवर्नर उर्जित पटेल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-12 18:06 GMT
संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए RBI गवर्नर उर्जित पटेल
हाईलाइट
  • RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने समिति से सरकारी बैकों पर नियंत्रण के लिए अधिक अधिकारों की मांग की है।
  • उर्जित पटेल ने कहा- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अधिक कारगर निगरानी के लिए अधिकारों की आवश्यकता है।
  • देश में भारतीय स्टेट बैंक सहित कुल 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान स्थायी समिति ने उर्जित पटेल से नीरव मोदी-पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी, बैंकों के बढ़ते बैड लोन और नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आए नोटों के आंकड़ों सहित कई मुद्दों पर सवाल पूछे। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अधिक कारगर निगरानी के लिए केंद्रीय बैंक को और अधिकारों की आवश्यकता है।  

 

देश में 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक

समिति के सामने उर्जित पटेल को डूबे कर्ज, बैंक धोखाधड़ी, नकदी संकट और अन्य मुद्दों पर सांसदों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। गवर्नर ने इस दौरान सदस्यों को भरोसा दिलाया कि प्रणाली को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। रिजर्व बैंक का सरकारी बैंकों पर अपर्याप्त नियंत्रण है। बता दें कि गवर्नर ने समिति से सरकारी बैकों पर नियंत्रण के लिए अधिक अधिकारों की मांग की है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में सरकारी बैंकों का सामूहिक घाटा 87,300 करोड़ रुपए रहा है। पंजाब नेशनल बैंक को 12,283 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। देश में भारतीय स्टेट बैंक सहित कुल 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं। 


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सिर्फ दो बैंक इंडियन बैंक और विजया बैंक को 2017-18 में मुनाफा हुआ है। वित्त वर्ष के दौरान इंडियन बैंक ने 1,258.99 करोड़ रुपए और विजया बैंक ने 727.02 करोड़ रुपयए का मुनाफा कमाया। दिसंबर, 2017 के अंत तक पूरे बैंकिंग क्षेत्र की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 8.31 लाख करोड़ रुपए थीं।


नोटबंदी के बाद संसदीय समिति का गठन

2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। जिसके तहत 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिए गए थे। तब संसदीय समिति बनाई गई थी। यह पहली बार नहीं है, जब उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने पेश हुए। समिति के सदस्यों ने उर्जित पटेल से पूछा कि उन्हें घोटाले के बारे में कैसे नहीं पता चला। इससे पहले भी उन्हें कई बार समिति के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा है।

पटेल के मुताबिक रिजर्व बैंक एनपीए के मुद्दे को सुलझाने के लिए कदम उठा रहा है। उर्जित पटेल से संसद की समिति ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग कार्यक्रम को लेकर भी सवाल किए।  

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