RBI का मेक इन इंडिया, नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर का नया टेंडर जारी

RBI का मेक इन इंडिया, नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर का नया टेंडर जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-17 16:53 GMT
RBI का मेक इन इंडिया, नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर का नया टेंडर जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेक इन इंडिया की तरफ कदम बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नए टेंडर जारी किए हैं। नकली नोटों पर नकेल कसने के उद्देश्य से आरबीआई ने नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर को लेकर नया टेंडर जारी किया है। टेंडर लेने वाली कंपनी को स्पष्ट कर दिया गया है कि उसे 2 साल के भीतर ही मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट लगानी होगी और बाद में धीरे-धीरे लोकल कंटेंट को बढ़ाना होगा।

आरबीआई की तरफ से नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर के लिए जारी किए गए नए टेंडर में कहा गया है कि बिड में सफल रहने वाली कंपनी को अपना मैन्‍युफैक्‍चरिंग बेस इंडिया में बनाना होगा। इसके लिए दो साल का समय दिया जाएगा। तीसरे साल में कंपनियों को 35 फीसदी वैल्‍यू एडीशन करना होगा। बाद में चौथे साल में 40 फीसदी और 5वें साल में 50 फीसदी से ज्‍यादा लोकल वैल्‍यू एडीशन करना होगा।

आरबीआई ने कहा है कि बिडर के लिए मेक इन इंडिया जरूरी शर्त है। बिडर के नाम पर विचार करते समय इस शर्त को प्राथमिकता दी जाएगी। आरबीआई ने कहा कि प्री-क्‍वालिफिकेशन बिड भारतीय नोटों के सिक्‍युरिटी फीचर के लिए होगी।

जानकारी के अनुसार आरबीआई ने पहले से जारी दो टेंडर कैंसिल कर दिए हैं। यह टेंडर सिक्‍युरिटी फीचर की आपूर्ति के लिए थे। इन टेंडर में विभिन्‍न प्रकार के सिक्‍युरिटी थ्रेड, कलर शिफ्टिंग इंक, फॉइल पैच, सिक्‍युरिटी फायबर, एडवांस्‍ड वॉटरमार्क जैसी शर्तें थीं।

जो कंपनियां चीन और पाकिस्‍तान में काम कर रही हैं, उनको सूटेबल फायरवॉल बनानी होगी। इसके अलावा कंपनी को यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि कंपनी में कोई पाकिस्‍तानी नागरिक या पाकिस्‍तानी मूल का व्‍यक्ति तो परियोजना से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके अलावा भारतीय परियोजना में काम कर चुके व्‍यक्ति को चीन या पाकिस्‍तान में पोस्‍ट नहीं करेगी।

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