सहकारी समितियों को नाम में बैंक शब्द के प्रयोग के प्रति चेताया

आरबीआई सहकारी समितियों को नाम में बैंक शब्द के प्रयोग के प्रति चेताया

IANS News
Update: 2021-11-22 17:30 GMT
सहकारी समितियों को नाम में बैंक शब्द के प्रयोग के प्रति चेताया
हाईलाइट
  • 1949 के प्रावधानों के उल्लंघन में बैंकिंग व्यवसाय करने के समान है

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सहकारी समितियों को उनके नाम में बैंक शब्द के इस्तेमाल के खिलाफ आगाह किया है, क्योंकि यह न केवल बैंकिंग विनियमन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता को भी गुमराह करता है।

बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 के अनुसार, सहकारी समितियां अपने नाम के हिस्से के रूप में बैंक, बैंकर या बैंकिंग शब्दों का उपयोग नहीं कर सकती हैं।

आरबीआई ने आम जनता को चेतावनी दी है कि यदि ये बैंक होने का दावा करते हैं तो लोग ऐसी सहकारी समितियों के बारे में सावधानी बरतें और उनसे निपटने से पहले आरबीआई द्वारा जारी बैंकिंग लाइसेंस देखें।

इसमें कहा गया है कि समितियां जमा राशि पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन से बीमा कवर के लिए भी बैंक के रूप में कार्य करने को अधिकृत नहीं है। इसका मतलब यह होगा कि ऐसी सहकारी समितियों के विफल होने की स्थिति में जनता अपनी सारी मेहनत की कमाई को ऐसी संस्थाओं के पास जमा कर खो सकती है।

आरबीआई की ताजा कार्रवाई उन रिपोर्टों का अनुसरण करती है कि कुछ सहकारी समितियां गैर-सदस्यों/नाममात्र सदस्यों/सहयोगी सदस्यों से जमा स्वीकार कर रही हैं जो बीआर अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के उल्लंघन में बैंकिंग व्यवसाय करने के समान है।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, जनता के सदस्यों को सूचित किया जाता है कि ऐसी समितियों को न तो बीआर अधिनियम, 1949 के तहत कोई लाइसेंस जारी किया गया है और न ही वे बैंकिंग व्यवसाय करने के लिए आरबीआई द्वारा अधिकृत हैं।

 

(आईएएनएस)

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