GST के बाद कम हुई पटाखों की बिक्री, दिवाली में नहीं मिल रहे खरीदार

GST के बाद कम हुई पटाखों की बिक्री, दिवाली में नहीं मिल रहे खरीदार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-11 14:02 GMT
GST के बाद कम हुई पटाखों की बिक्री, दिवाली में नहीं मिल रहे खरीदार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले ही देश में "एक देश एक टैक्स" के तहत GST लागू किया है। जिससे कई वस्तुओं के दामों में वृद्धि हुई है तो साथ ही कई वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है। पर इस जीएसटी के बाद पटाखा बाजार में पूरी तरह से सन्नटा पसरा हुआ है। दरअसल, केंद्र सरकार ने पटाखों पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया है, जिसका सीधा असर पटाखा व्यापारियों पर हो रहा है। इसके चलते ही पटाखों की बिक्री के आवेदन घट गए हैं।

क्या कहते हैं पटाखा कारोबारी

पटाखा कारोबारियों का कहना हैं कि पटाखे पहले ही महंगे बिकते थे, पर जीएसटी लगने के बाद इनके दाम दोगुने हो गए हैं। इसके बाद यदि वे पटाखों की बिक्री करते हैं तो उन्हें काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए कई कारोबारियों ने इस बार पटाखा नहीं बेचने तक का मन बना लिया है। इस संबंध में कानपुर थोक आतिशबाजी उद्योग व्यापार मंडल के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि वैट के तहत पहले 14.5 प्रतिशत टैक्स देते थे। पर जीएसटी आने के बाद हमें 28 प्रतिशत का टैक्स देना पड़ रहा है, जिससे दिवाली पर इसे बेचने वाले व्यापारियों की संख्या में काफी कमी आई है।

दिल्ली में पटाखा बिक्री पर रोक

बता दें कि कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। कोर्ट की तरफ से यह फैसला राजधानी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर लिया गया है। इसके तहत राजधानी में 1 नवंबर तक किसी भी तरह से पटाखों की बिक्री नहीं की जा सकेगी। जबकि इनके इस्तेमाल पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। 

दिल्ली के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में भी पटाखों के बिक्री पर रोक लगा दी है। रिहायशी इलाकों में पटाखा व्यापारियों ने पटाखों की बिक्री के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर परमिशन मांगी थी लेकिन कोर्ट ने इंकार कर दिया। महानगर में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। अब कोर्ट के आदेश के बाद पटाखा कारोबारी पटाखा बिक्री नहीं कर पाएंगे। कोर्ट के इस फैसले का पटाखा चलाने पर असर नहीं पड़ेगा। हालांकि लोग नियमित पटाखा विक्रेताओं से पटाखे खरीद सकेंगे।

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