रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 2.86% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 0.1 फीसदी

रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 2.86% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 0.1 फीसदी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-12 13:38 GMT
रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 2.86% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 0.1 फीसदी
हाईलाइट
  • इसके अलावा इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) जनवरी के 1.4% के मुकाबले घटकर फरवरी में 0.1% हो गई है।
  • उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर मार्च 2019 में बढ़कर 2.86% पर पहुंच गई है।
  • फरवरी 2019 में यह 2.57% थी। फ्यूल और कुछ फूड आइटम्स के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर मार्च 2019 में बढ़कर 2.86% पर पहुंच गई है। फरवरी 2019 में यह 2.57% थी। फ्यूल और कुछ फूड आइटम्स के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। इसके अलावा इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) जनवरी के 1.4% के मुकाबले घटकर फरवरी में 0.1% हो गई है। सेंट्रल स्टेटस्टिक्स ऑफिस की ओर से शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए गए हैं।

शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर फूड प्राइज इंडेक्स महीने दर महीने के आधार पर फरवरी के -0.66% के मुकाबले मार्च में 0.3% पर पहुंच गया है। ईंधन और बिजली की महंगाई दर फरवरी के 1.24% के मुकाबले बढ़कर 2.42% हो गई। हाउसिंग इंफ्लेशन फरवरी में 5.1% थी जो मार्च में घटकर 4.93% पर पहुंच गई। सब्जियों की महंगाई दर -7.69% से बढ़कर -1.49% हो गई। फरवरी के 2.73% की तुलना में मार्च में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर घटकर 2.59% हो गई। अनाज की महंगाई दर 1.32% से घटकर 1.25% हो गई। महीने दर महीने के आधार दालों की मंहगाई दर फरवरी की -3.82% के मुकाबले बढ़कर -2.25% हो गई है।

क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक। यह रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी की करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।

आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 0.1 फीसदी पर
फरवरी 2019 में आईआईपी ग्रोथ घटकर 0.1 फीसदी पर पहुंच गई है। जनवरी में यह 1.4 फीसदी थी। ये  मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर खासकर कंज्यूमर और कैपिटल गुड्स के उत्पादन में आई गिरावट की वजह से इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ में गिरावट देखी गई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.3 फीसदी से घटकर -0.3 फीसदी पर आ गई है। महीने दर महीने के आधार पर फरवरी में कैपिटल गुड्स सेक्टर की ग्रोथ -3.2 फीसदी से घटकर -8.8 फीसदी पहुंच गई है।

इंटरमीडियेट गु्ड्स सेक्टर की ग्रोथ -3 फीसदी से घटकर -4.9 फीसदी हो गई है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी दर्ज की गई है जनवरी में यह 1.8 फीसदी थी। जबकि नॉन कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ 3.8 फीसदी से बढ़कर 4.3 फीसदी हो गई है। फरवरी में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी से घटकर 2 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर फरवरी में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 0.8 फीसदी से बढ़कर 1.2 फीसदी पर पहुंच गई है।

 

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