सुप्रीम कोर्ट का सहारा को झटका, 15 जुलाई तक 552 करोड़ जमा करें

सुप्रीम कोर्ट का सहारा को झटका, 15 जुलाई तक 552 करोड़ जमा करें

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-05 19:13 GMT
सुप्रीम कोर्ट का सहारा को झटका, 15 जुलाई तक 552 करोड़ जमा करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस बात का संज्ञान लिया कि सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने सेबी-सहारा के खाते में 710 करोड़ 22 लाख रुपये जमा कराए हैं। कोर्ट ने साथ ही यह भी चेतावनी दी कि उसके 552.21 करोड़ रुपये के चेक का धन 15 जुलाई तक प्राप्त हो जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस चेक के भुनाने की अवधि 15 जुलाई से आगे बढ़ाने का सुब्रत रॉय का अनुरोध ठुकरा दिया।

रॉय ने इससे पहले कोर्ट से कहा था कि वह 15 जून से पहले 1500 करोड़ रुपये का भुगतान कर देंगे और 552.22 करोड़ रुपये का भुगतान इसके ठीक एक महीने बाद करेंगे। हालांकि उन्होंने 15 जून तक 790.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने उन्हें 709.82 करोड़ रुपये का भुगतान 4 जुलाई तक करने का समय दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस तथ्य को नोट किया कि सहारा ने 1500.40 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं और अब 24,000 करोड़ रुपये के मूलधन में से उसे 9000 करोड़ रुपये का भुगतान और करना है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह 552.21 करोड़ रुपए जमा कराने की समय सीमा 15 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाएगा। साथ ही उसने चेतावनी भी दी कि यदि चेक की राशि का भुगतान नहीं हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सहारा की एम्बी वैली में संपत्तियों की नीलामी के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के आधिकारिक लिक्विडेटर (परिसमापक) विनोद शर्मा द्वारा तैयार किया गया मसौदा और इसके लिए शर्तो को भी स्वीकार कर लिया।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक भुगतान की जाने वाली 1500 करोड़ की राशि में से 709.82 करोड़ रुपये जमा कराने की अवधि 4 जुलाई तक बढ़ा दी थी। इससे पहले, न्यायालय ने धन जमा नहीं कराए जाने पर नाराजगी व्यक्त की थी और सहारा समूह की एम्बी वैली में 34,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेचने का फैसला किया था। सुब्रत रॉय करीब दो साल जेल में बिता चुके हैं और पिछले 6 मई से वह परोल पर हैं। उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिS पहली बार परोल दी गई थी। इसके बाद से इसकी अवधि बढाई जाती रही है। रॉय के साथ ही सहारा समूह के दो निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को भी निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये लौटाने संबंधी न्यायालय के 31 अगस्त 2012 के आदेश का पालन नहीं करने के कारण तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।

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