Real Estate: आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगा SBI कैपिटल, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

Real Estate: आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगा SBI कैपिटल, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-01 15:43 GMT
Real Estate: आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगा SBI कैपिटल, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
हाईलाइट
  • SBI कैपिटल करेगी आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग
  • सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SBI कैपिटल आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लगभग 7000 आवासीय इकाइयों की फंडिंग की रुकावट को दूर करते हुए हजारों घर खरीदारों को राहत दी। जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की बेंच ने चार हफ्ते के भीतर कानूनी ढांचा अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इससे पहले रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकार के प्रायोजित स्ट्रेस फंड का प्रबंधन करने वाली SBICAP ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने आम्रपाली ग्रुप की छह रुकी हुई परियोजनाओं के लिए 625 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।

जिन छह आम्रपाली परियोजनाओं के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया है उनमें सिलिकॉन वैली -1 और 2, क्रिस्टल होम्स (Crystal Homes), सेंचुरियन पार्क लो राइज (Centurian Park Low Rise), सेंचुरियन पार्क ओ 2 वैली (Centurian Park O2 Valley)और सेंचुरियन पार्क ट्रॉपिकल गार्डन (Centurian Park Tropical Garden) शामिल हैं, जिनमें लगभग 6970 रेजिडेंशियल यूनिट्स होंगे।

इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में एसबीआई कैपिटल की तरफ से ब्याज दर को कम करने में असमर्थता जताने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह ब्याज दर कम करने के लिए हस्तक्षेप करें। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को वित्त मंत्रालय से निर्देश लेने के लिए कहा था कि क्या ब्याज दर को कम किया जा सकता है? जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच के समक्ष एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि ब्याज दर को कम करना "संभव" नहीं है। 

साल्वे ने कहा था कि 12% ब्याज सामान्य है क्योंकि यह रिस्क इन्वेस्टमेंट का मामला है। हालांकि, बेंच ने कहा था कि बैंक को लाभ कमाने के वेंचर के रूप में नहीं लेना चाहिए क्योंकि 12% ब्याज बहुत अधिक है और एसबीआई कैप को ब्याज के रूप में पांच साल में 180 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार और एसबीआई कैप ब्याज दर घटाने के लिए अनिच्छा व्यक्त करते हैं तो वह आदेश पारित करेगा।

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