ईरान : आर्थिक प्रतिबंधों का असर, 1 डॉलर की कीमत हुई एक लाख रियाल

ईरान : आर्थिक प्रतिबंधों का असर, 1 डॉलर की कीमत हुई एक लाख रियाल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-29 17:26 GMT
ईरान : आर्थिक प्रतिबंधों का असर, 1 डॉलर की कीमत हुई एक लाख रियाल
हाईलाइट
  • ईरान में रविवार को एक डॉलर की कीमत 1
  • 12
  • 000 रियाल पहुंच गई।
  • मार्च में पहली बार एक डॉलर की कीमत 50000 पार हुई थी
  • शनिवार को एक डॉलर की कीमत 98
  • 000 रियाल थी।

डिजिटल डेस्क, तेहरान। न्यूक्लियर हथियार बनाने की कोशिश में लगे ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। यहां करंसी लगातार गिरती जा रही है। रविवार को एक डॉलर के मुकाबले यह 1,12,000 तक गिर गई। दिनभर डॉलर को 1,08,500 से लेकर 1,16,000 रियाल के बीच एक्सचेंज किया गया। इससे पहले शनिवार को 1 डॉलर की कीमत 98,000 रियाल थी।

रियाल में यह गिरावट पिछले चार महीनों से जारी है। मार्च में पहली बार रियाल 50,000 के स्तर से नीचे गिरा था। ताजा गिरावट 7 अगस्त को लगने वाले अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका के चलते आना मानी जा रही है। बता दें कि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 7 अगस्त को अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को दोबारा लागू करेगा। इनमें ईरान सरकार द्वारा अमेरिकी डॉलर की खरीद या अधिग्रहण, सोने और कीमती धातुओं में व्यापार, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बिक्री आदि पर बैन शामिल होगा। इसी बैन की आशंका के चलते ईरान की करंसी डॉलर के मुकाबले 1 लाख तक गिर गई है।

बता दें कि सरकार ने अप्रैल में डॉलर के मुकाबले रियाल की दर को 42,000 पर स्थिर करने की कोशिश की थी और कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।हालांकि इसके बाद भी रियाल में गिरावट जारी रही और स्थिति यहां तक पहुंच गई। ताजा गिरावट के बाद ईरान के लोग भारी चिंता में हैं और अपनी बचत या निवेश को डॉलर के रूप में सुरक्षित रखने के लिए डॉलर की खरीद कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इस साल मई में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील को तोड़ दिया था और ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। इसी के तहत 7 अगस्त को प्रतिबंध का पहला और 4 नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा। 4 नवंबर, 2018 को शिपिंग, तेल, पेट्रोकेमिकल्स और ऊर्जा क्षेत्र जैसे उद्योगों पर प्रतिबंधों का दूसरा सेट शुरू होने की उम्मीद है। यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका द्वारा आर्थिक प्रतिबंधों के फिर से लगाने के चलते ईरान के तेल निर्यात में दो-तिहाई की कमी हो सकती है।

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