दुनिया पर फिर मंडरा रहा है 'वैश्विक मंदी' का खतरा, IMF की चेतावनी

दुनिया पर फिर मंडरा रहा है 'वैश्विक मंदी' का खतरा, IMF की चेतावनी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-21 14:08 GMT
दुनिया पर फिर मंडरा रहा है 'वैश्विक मंदी' का खतरा, IMF की चेतावनी
हाईलाइट
  • IMF हर 6 माह के अंतराल में अपनी वित्तीय रिपोर्ट बनाता है।
  • इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया पर वैश्विक मंदी का खतरा मंडरा रहा है।
  • इस समय यह रकम लगभग 164 ट्रिलियन डालर का आंकड़ा पार कर चुकी है
  • इस मुद्रा को अगर भारतीय रकम में बदला जाए तो यह 10 लाख 660 करोड़ रूपए होगी।
  • कोष ने कहा कि दुनिया में जिस तरह से कर्ज की रकम और रफ़्तार में बढ़ोतरी हुई है
  • उससे देशों पर वित्तीय संकट आ सकता है।
  • पिछ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया पर वैश्विक मंदी का खतरा मंडरा रहा है। कोष ने कहा कि दुनिया में जिस तरह से कर्ज की रकम और रफ़्तार में बढ़ोतरी हुई है, उससे देशों पर वित्तीय संकट आ सकता है। IMF ने आगे कहा कि अगर इसी तरह से चलता रहा तो सारी दुनियां को भयंकर मंदी झेलनी पड़ सकती है।

GDP का 225 प्रतिशत कर्ज
IMF हर 6 माह के अंतराल में अपनी वित्तीय रिपोर्ट बनाता है। इस बार बुधवार को जारी रिपोर्ट में उसने कहा कि पब्लिक और निजी कर्ज इस समय अपने सबसे ऊंचे  स्तर पर पहुँच चुका हैै। इससे पहले यह 2009 में अपने उच्च स्तर पर था। इस समय अगर तुलना की जाए तो यह विश्व की GDP का 225 प्रतिशत है।

IMF द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक कर्ज की रकम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस समय यह रकम लगभग 164 ट्रिलियन डालर का आंकड़ा पार कर चुकी है, इस मुद्रा को अगर भारतीय रकम में बदला जाए तो यह 10 लाख 660 करोड़ रूपए होगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते हुए कर्ज के कारण वैश्विक मंदी आ सकती है। चीन में निजी कर्ज बढ़ने की रफ़्तार बाकी सबसे अधिक है। IMF ने चेताया है कि इस तरीके से अगर बढ़ोतरी चलती रही तो देश की विकास दर पर गलत असर पड़ेगा।

"164 ट्रिलियन डालर बहुत ही बड़ा आंकड़ा है और अगर हम नजदीक के खतरे की बात करेंगे तो पब्लिक और निजी कर्ज अपने उच्च स्तर पर हैं" यह बातें IMF के वित्तीय अफेयर्स विभाग के प्रमुख विटोर गैस्पर ने कहीं।

इंटरनेशनल मोनेटरी फंड ने अमेरिका को अपनी वित्तीय policy दोबारा तय करने का सुझाव दिया, क्योंकि जिस तेजी से यह बढ़ रही है उस हिसाब से आने वाले तीन सालों में यह 1 लाख करोड़ का आंकड़ा छू लेगा। IMF ने कहा कि दुनिया के कई देशों का कर्ज उनके GDP से ज्यादा है। पिछले साल के जारी आंकड़ो की माने तो सबसे ज्यादा जापान की हालत खराब है, उसका कर्ज GDP से 236 प्रतिशत ज्यादा है। इटली में 132 प्रतिशत है और तीसरे नंबर पर है अमेरिका, जहां उनका कर्ज 108 प्रतिशत है। भारत की बात करें तो भारत का कर्ज GDP का 70 प्रतिशत है।

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