भोपाल: आरटीआई आवेदक-अधिकारी के बीच फिक्सिंग का मामला पकड़ा सूचना आयुक्त ने

  • आयुक्त राहुल सिंह ने आरटीआई आवेदक और अधिकारी के बीच फिक्सिंग का मामला पकड़ा
  • सिंह ने अपील प्रकरण रद्द करने के बजाए उल्टे अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसे ₹25000 जुर्माने का नोटिस थमा दिया

Pavan Malviya
Update: 2024-03-11 08:03 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरटीआई के दुरुपयोग की शिकायतों के बीच राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आरटीआई आवेदक और अधिकारी के बीच फिक्सिंग का मामला पकड़ा है। दोषी अधिकारी को जुर्माने से बचाने के लिए आरटीआई आवेदक ने संतुष्टि का प्रमाणपत्र सूचना आयोग के सामने पेश कर दिया। पर सिंह ने अपील प्रकरण रद्द करने के बजाए उल्टे अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसे ₹25000 जुर्माने का नोटिस थमा दिया है।

गौरतलब है कि पहले आरटीआई आवेदक राज्य सूचना आयोग में आरटीआई की अपील दायर करते हैं शिकायत के साथ कि उनको जानकारी नहीं मिली है दोषी और लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। सुनवाई करने के बाद जब आयोग नोटिस जारी करता है तो आरटीआई आवेदक आयोग के सामने संतुष्टि का एक प्रमाण पत्र पेश करते हैं जिसमें वे लिखकर देते हैं कि उन्हें जानकारी प्राप्त हो गई है और वह किसी भी तरह की कोई कार्रवाई अधिकारी के विरूद्ध नहीं चाहते हैं। वही अधिकारी भी लिख करके देता है कि आवेदक को अब कोई समस्या नहीं है आवेदक पूरी कार्रवाई से "संतुष्ट" हैं इसीलिए प्रकरण को खारिज किया जाए। इसके बाद आयोग प्रकरण खारिज कर देता है। दरअसल श्योपुर के रामभजन रावत ने सूचना आयोग में कई अपीलें दायर कर रखी है। वे अक्सर संतुष्टि का प्रमाण पत्र जारी कर अधिकारी को आयोग की कार्रवाई से बचा कर ले जाते थे। पर इस बार दाव उल्टा पड़ गया।

आयोग को ब्लैकमेलिंग का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता : सिंह

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने रावत के संतुष्टि के प्रमाण पत्र को खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की। सिंह नें आदेश मे कहा कि "सूचना आयोग लोक सूचना अधिकारी और अपीलार्थी के बीच हो रही फिक्सिंग को मूकदर्शक रह कर नहीं देख सकता है। अगर ऐसा किया गया तो यह अधिनियम के प्रावधानों पर विपरीत असर डालेगा। आयोग द्वारा सुनवाई सूचना पत्र जारी करने के बाद या सुनवाई की प्रकिया के दौरान अपीलार्थी के लोक सूचना अधिकारी के पक्ष में संतुष्टि प्रमाण पत्र जारी करने के आधार पर अगर आयोग प्रकरण को निरस्त करने लगेगा तो आयोग आरटीआई एक्ट का दुरूपयोग करने वालो के लिए ब्लेकमेलिंग का अड्डा बन जाएगा।

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