आरोप: कोरपना कृषि उपज मंडी में लाखों का भ्रष्टाचार , शिकायत के बावजूद नहीं हुई जांच

कोरपना कृषि उपज मंडी में लाखों का भ्रष्टाचार , शिकायत के बावजूद नहीं हुई जांच
  • बाजार मंडी के संचालक सुनील बावने ने लगाए आरोप
  • सीसीटीवी कैमरा खरीदी में बोगस बिल लगाया
  • जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। कोरपना कृषि बाजार मंडी के सभापति और सचिव ने मिलीभगत कर विविध सामग्री खरीदी के नाम पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप बाजार मंडी के संचालक सुनील बावने ने चंद्रपुर श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित पत्र परिषद में लगाया है। इस भ्रष्टाचार की शिकायत जिला उपनिबंधक से करने के बावजूद आज तक जांच न किए जाने का आरोप भी बावने ने लगाया है। सीसीटीवी खरीदी के बनावटी बिल तैयार कर सभापति और सचिव ने लाखों रुपए हड़प कर लिए अन्य सामग्री खरीदी में भी रुपए हड़पने का आरोप बावने ने लगाया है।

बाजार मंडी की मासिक सभा में संचालकों ने विषय पर चर्चा कर मासिक सभा की प्रति मांगी किंतु सभा की प्रतियां देने में टालमटोल का आरोप बावने ने लगाया है। सभापति अशोक बावने और सचिव कवडू देरकर ने चंद्रपुर के एक व्यापारी से सीसीटीवी कैमरे खरीदे हैं। लेकिन कैमरों की कीमत बाजार भाव से अधिक लगाकर राशि हड़पी गई है। यह बिल मंजूर न करने की मांग की। मांग की अनदेखी कर मनमर्जी से बिल पास कर दिया गया। इसलिए जिला उपनिबंधक एक महीने में इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें अन्यथा चंद्रपुर जिला उपनिबंधक कार्यालय के सामने बेमियादी अनशन की चेतावनी बावने ने पत्र परिषद में दी है।

आरोप झूठा और निराधार : बावने : कोरपना बाजार मंडी के पदाधिकारी और सचिव पर संचालक सुनील बावने ने भ्रष्टाचार का झूठा और निराधार आरोप लगाया है। बावने ने सीसीटीवी खरीदी में घोटाले का आरोप लगाया किंतु सभी खरीदी नियमानुसार होने की जानकारी सभापति अशोक बावने और सचिव कवडू देरकर ने दी है। सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद ही कैमरे खरीदे हैं। खरीदी के पूर्व सभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया किंतु व्यक्तिगत द्वेष से आरोप लगाने की बात सभापति अशोक बावने और सचिव कवडू देरकर ने कही।

उद्योगों के अभाव में बढ़ रही बेरोजगारी : नागभीड़ तहसील धान उत्पादन के लिए प्रसिध्द है। यहां पर अनेक के धान की प्रजाति दादाजी खोब्रागडे नामक किसान ने इजाद की है। किंतु तहसील में एक भी उद्योग न होने की वजह से प्रतिवर्ष बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है। किंतु शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने आज तक यहां पर किसी उद्योग के लिए प्रयास नहीं किया है। नतीजा इन दिनों बेरोजगार रोजगार की तलाश में पड़ोसी राज्य में मिर्च तुड़ाई के लिए पलायन कर रहे हैं।

नागभीड़ तहसील चिमूर विधानसभा क्षेत्र और चिमूर-गड़चिरोली लोकसभा क्षेत्र में है। केंद्र और राज्य में भाजपा की सत्ता और क्षेत्रीय विधायक और सांसद भी सत्ताधारी पार्टी के होने के बावजूद यहां पर किसी रोजगार के लिए प्रयास नहीं किए हंै। नतीजा आज भी नागभीड़ तहसील पर उद्योगरहित का कलंक लगा है। वहीं प्रतिवर्ष कालेजों से बेरोजगारों की फौज निकल रही है। खेती नुकसान का कारोबार होने से युवा इस उद्योग से जुड़ना नहीं चाहते हंै। क्योंकि मौसम की बेरुखी की वजह से कभी बाढ़ तो कभी सूखा की वजह से अनेकों बार किसान आत्महत्या का विवश हो जाते हंै। इसलिए किसान पुत्र इस व्यवसाय से न जुड़कर पड़ोसी राज्यों में चले जाते हैं। नतीजा उद्योग के अभाव में बेरोजगारी बढ़ रही है।

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Created On :   26 April 2024 10:06 AM GMT

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