बीमारी: गड़चिरोली में बढ़ रहा मलेरिया का प्रकोप, 2 माह में 3 लोगों ने गंवाई जान

गड़चिरोली में बढ़ रहा मलेरिया का प्रकोप, 2 माह में 3 लोगों ने गंवाई जान
  • स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से समय पर नहीं हो पा रहा मरीजों का इलाज
  • थमने का नाम नहीं ले रहा रेफर टू कोरची और गड़चिरोली का सिलसिला
  • गड़चिरोली जिले में इन दिनों एक बार फिर मलेरिया ने पैर पसारना शुरू

डिजिटल डेस्क, कोरची (गड़चिरोली) । मलेरिया के लिए काफी संवेदनशील गड़चिरोली जिले में न दिनों एक बार फिर मलेरिया ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। घने जंगलों में बसे कोरची तहसील के कोटगुल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आने वाले गांवों में पिछले कुछ दिनों से मलेरिया ने उग्र रूप धारण कर लिया है। दो महीने में परिसर के कुल 3 व्यक्तियों की मृत्यु मलेरिया से हुई है। बाजवूद इसके कोटगुल अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधा प्रभावी नहीं हो पायी है। आज भी इस अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को तुरंत ही कोरची के ग्रामीण अस्पताल अथवा गड़चिरोली के जिला अस्पताल रेफर कर अपने हाथ झटक दिये जाते हैं। जान गंवाने वाले तीन व्यक्ति भी पहले इसी अस्पताल में पहुंचे थे। लेकिन उन पर का उपचार नहीं होने से उन्हें अन्य अस्पताल में जाना पड़ा। जहां उनकी मृत्यु हो गयी।

बता दें कि, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह ने जिले को कुपोषणमुक्त करने के लिए कवसेर नामक उपक्रम शुरू करते हुए नौनिहाल बच्चों को स्वस्थ बनाने का बीड़ा उठाया है। इस कार्य में आशा, आंगनवाड़ी सेविकाओं के साथ शिक्षकों की मदद ली जा रही है। लेकिन दूसरी ओर जिले सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या काफी कम होने से यहां मरीजों पर समय पर इलाज नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरची के तहसील वैद्यकीय अधिकारी डा. विनोद मडावी पर ही कोटगुल के वैद्यकीय अधिकारी का जिम्मा सौंपा है। टीएचओ होने के कारण डा. मडावी अपना मुख्यालय छोड़कर 30 किमी दूरी पर बसे कोटगुल में कभी-कबार ही पहुंच पाते हैं उनकी अनुपस्थिति में डा. नाकाडे ओपीडी और अपातकालीन मरीजों पर इलाज करते है। लेकिन अधिकांश कर्मचारी अस्पताल में अनुपस्थित रहते हैं।

गत मार्च माह में इसी अस्पताल के तहत आने वाले गोड़री गांव के एक परिवार के 2 बच्चों की मृत्यु मलेरिया से हुई। करिश्मा अनिल नैताम (6) और प्रमादे अनिल नैताम (4) को तेज बुखार आने के कारण दोनों बच्चों को कोटगुल के अस्पताल में लाया गया। लेकिन अस्पताल से दोनों को तुरंत रेफर कर दिया गया। गड़चिरोली के जिला अस्पताल में उपचार के दौरान 9 मार्च को करिश्मा तो 10 मार्च को प्रमाेद की मृत्यु हुई। वहीं हाल ही में लेकुरबोड़ी निवासी रामबाई वासुदेव गावडे (28) नामक महिला की भी मलेरिया से मृत्यु हुई। सरकार ने कोटगुल में अस्पताल तो खोल दिया है, लेकिन इस अस्पताल में डाक्टर और कर्मचारियों को पर्याप्त संख्या में नियुक्त नहीं किया गया।

प्राथमिक उपचार हो रहा है : कोटगुल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों पर प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर ही मरीजों को रेफर किया जा रहा है। करिश्मा और प्रमोद को तेज बुखार था। उन पर प्राथमिक उपचार किया गया। जिसके बाद रेफर की प्रक्रिया की गयी। मरीजांे को प्रभावि स्वास्थ्य सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। -डा. विनोद मडावी, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कोरची

Created On :   22 May 2024 10:29 AM GMT

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