गोंदिया: ग्राहकों के हितों की रक्षा करने शुरू किया बेमियादी अनशन पर सामाजिक कार्यकर्ता

  • जिलाधिकारी कार्यालय के सामने डटे सामाजिक कार्यकर्ता
  • कर्मचारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर कार्रवाई करने की मांग

Tejinder Singh
Update: 2024-03-13 11:48 GMT

डिजिटल डेस्क, तिरोड़ा (गोंदिया). जिले के ग्राहकों के हितों के संरक्षण एवं संवर्धन करने के साथ ही उनकी समस्याओं का निराकरण करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला ग्राहक संरक्षण परिषद की शासकीय एवं अशासकीय सदस्यों की चयन सूची घोषित करने, परिषद की सभा का आयोजन करने एवं अपने कर्तव्य पालन में कसर रखने वाले जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर कार्रवाई करने की मांग को लेकर तिरोड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल रफीक शेख ने 12 मार्च से जिलाधिकारी कार्यालय गोंदिया के सामने पतंगा मैदान पर आमरण अनशन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें केवल ग्राहकों के हितों के संरक्षण के लिए है एवं शासन की ओर से क्रियान्वित की जाने वाली कार्रवाई को ही जल्द पूरा करने की मांग वे कर रहे हैं। जब तक शासन की ओर से सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती तब तक उनका यह अनशन जारी रहने की बात उन्होंने कहीं। इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता हनीफ शेख, राजेंद्र फरकुंडे, रामचंद्र तुमसरे, शकीलभाई पठान, निलेश उईके, अजय चंदनबटवे, सचिन रहेकवार, चयन मेश्राम, सुनील उके आदि ने उनके अनशन स्थल पर भेंट देकर उनकी मांगों का समर्थन किया एवं जिलाधिकारी गोंदिया से जल्द से जल्द उनकी मांग पुरी करने का निवेदन किया है।

न्याय नहीं मिलने से त्रस्त ग्रापं सदस्य चढ़े पानी टंकी पर

उधर गोरेगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरगांव के ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव द्वारा बाजार में 6500 रुपए में मिलने वाली वस्तु 54 हजार रुपए में खरीदकर शासकीय निधि की हेराफेरी कर भ्रष्टाचार करने संबंधी आरोप जांच में सिद्ध होने के बावजूद जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा सरपंच एवं सचिव को क्लिनचीट दिए जाने से त्रस्त होकर ग्राम पंचायत सदस्य विनराज मेश्राम एवं राहुल रहांगडाले ने 12 मार्च को गांव की पानी की टंकी पर चढ़कर आंदोलन शुरू किया। समाचार लिखे जाने तक प्रशासकीय स्तर पर उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बोरगांव में वर्ष 2023 में 15वें वित्त आयोग की निधी से ऑटोमेटिक वॉटर लेवल कंट्रोल सिस्टम की खरीदी की गई। यह सामग्री बाजार में 6-7 हजार रुपए में उपलब्ध होने के बावजूद सरपंच एवं सचिव ने 55 हजार रुपए इसकी कीमत दर्शाकर शासन एवं ग्रामीणों की दिशाभूल की। यह शिकायत ग्राम पंचायत सदस्य विनराज मेश्राम एवं ग्रामीणों ने जिला परिषद प्रशासन से की थी। इस मामले में गटविकास अधिकारी द्वारा जांच करने पर सरपंच एवं सचिव दोषी पाए गए। प्रकरण बढ़ता देख 47 हजार रूपए की राशि सरपंच एवं सचिव ने शासकीय तिजोरी में जमा कर दिए। लेकिन शासकीय निधी की हेराफेरी के मामले में सीईओ द्वारा दोषी सरपंच एवं सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से ग्रामीणों में भी नाराजी व्यक्त की जा रही थी। लगभग 1 वर्ष से जिला परिषद में न्याय के लिए चक्कर लगाने के बावजूद न्याय नहीं मिलने से तंग आकर अंत: 12 मार्च को ग्राम पंचायत सदस्य विनराज मेश्राम एवं राहुल रहांगडाले ने पानी की टंकी पर चढ़कर आंदोलन शुरू कर दिया। इस संबंध में जब गोरेगांव के गटविकास अधिकारी शुभम जाधव से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि वे घटनास्थल पर ही मौजूद है और देर शाम तक मसले को हल कर लिए जाने की उम्मीद है। इससे अधिक कोई जानकारी वे नहीं दे पाए।

 

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