जबलपुर: हर नस्ती पर होगा यूनिक कोड, ट्रैकिंग करने में होगी आसानी

  • रादुविवि में 1 अप्रैल से लागू होगी नई व्यवस्था पता चलेगा कि कहाँ अटकी नस्ती
  • विवि के प्रबंधन से जुड़े 24 विभागों और शिक्षण कार्य से जुड़े 30 विभागों के लिए अलग-अलग कोड बनाए गए हैं।
  • ई-गवर्नेंस की व्यस्था लागू होगी, जिसमें यूनिक कोड सीधे ट्रांसफर किया जा सकेगा।

Safal Upadhyay
Update: 2024-03-29 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अक्सर ऐसा होता है कि विभिन्न विषयों अथवा प्रकरणों से संबंधित नस्तियाँ महीनों तक एक ही विभाग में अटकी रह जाती हैं। समस्या तब खड़ी होती है जब इन्हें ट्रैक करना हो।

इन समस्याओं के समाधान के लिए रानी दुर्गावती विवि 1 अप्रैल से नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। नस्तियों के निष्पादन की सुगमता एवं सरलीकरण के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।

जिसके अनुसार हर नस्ती पर यूनिक कोर्ड दर्ज होगा, जिसमें नस्ती क्रमांक, माह और विभाग की जानकारी दर्ज होगी। इस यूनिक कोड से नस्ती को ट्रैक करना भी आसान होगा। कौन सी नस्ती, किस स्टेज पर है, किस विभाग में कब तक रुकी रही, इसकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

विवि के प्रबंधन से जुड़े 24 विभागों और शिक्षण कार्य से जुड़े 30 विभागों के लिए अलग-अलग कोड बनाए गए हैं। नोट शीट के ऊपरी हिस्से में विभाग का नस्ती कोड, वर्ष, माह और नस्ती क्रमांक अंकित करना अनिवार्य होगा।

जारी सूचना के अनुसार विवि द्वारा आवक-जावक का फाॅर्मेट भंडार शाखा के माध्यम से सभी विभागों को 1 अप्रैल तक प्रदान किया जाएगा और किन्हीं कारणों से रजिस्टर एवं फाॅर्मेट एक-दो दिन बाद उपलब्ध कराया जाता है तो नस्तियों की पुरानी प्रविष्टि पुराने रजिस्टर में ही करने के निर्देश हैं। रजिस्टर एवं फाॅर्मेट प्राप्त होने पर 1 अप्रैल से ही नवीन प्रविष्टि अंकित की जाएगी।

नई व्यवस्था से एक नस्ती किसी विभाग में कब तक रुकी रही, यह ट्रैक करना आसान होगा। विभिन्न प्रकरणों और कार्यों का निपटारा जल्दी होगा। आगे जाकर ई-गवर्नेंस की व्यस्था लागू होगी, जिसमें यूनिक कोड सीधे ट्रांसफर किया जा सकेगा।

-डॉ. दीपेश मिश्रा, कुलसचिव, रादुविवि

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