लोकसभा चुनाव: एमआईएम सोलापुर से चुनाव लड़ने से पीछे हटी, नामांकन वापस लिया

  • कांग्रेस उम्मीदवार को हो सकता है फायदा
  • सोलापुर से चुनाव लड़ने से पीछे हटी एमआईएम
  • संविधान बचाने कड़ा फैसला लेना जरूरी

Tejinder Singh
Update: 2024-04-19 16:50 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम पर भाजपा को परोक्ष रूप से मदद करने का आरोप विपक्षी पार्टियां पिछले काफी समय से लगाती आई हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि ओवैसी वोटों के बंटवारे में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जिसका फायदा भाजपा को होता है। इन सबके बीच अब एमआईएम ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए महाराष्ट्र के सोलापुर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने सोलापुर से अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस ले लिया है। एमआईएम के सोलापुर जिला अध्यक्ष फारूक शाब्दी का कहना है कि पार्टी ने ओवैसी के आदेश के बाद यह फैसला लिया है। सोलापुर से एमआईएम के चुनाव से हटने से कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हो सकता है।

सोलापुर से कांग्रेस ने दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने इस सीट से विधायक राम सातपुते को टिकट दिया है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा चुनाव जीतती आई है। ऐसे में इस सीट से एमआईएम के उम्मीदवार के हटने से यह राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वंचित बहुजन आघाडी और एमआईएम ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और इनके संयुक्त उम्मीदवार प्रकाश आंबेडकर को एक लाख 70 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। उस समय कहा गया था कि यदि वंचित बहुजन आघाडी और एमआईएम ने संयुक्त उम्मीदवार नहीं उतारा होता तो सुशील कुमार शिंदे फिर चुनाव जीत सकते थे। ऐसे में इस बार एमआईएम के उम्मीदवार नहीं होने से प्रणीति शिंदे को इसका फायदा मिल सकता है।

संविधान बचाने कड़ा फैसला लेना जरूरी

सोलापुर से चुनाव से हटने पर एमआईएम सोलापुर जिला अध्यक्ष फारूक शाब्दी का कहना है कि उन्होंने सोलापुर में मुस्लिम समाज के लोगों से बातचीत के बाद यहां से प्रत्याशी नहीं खड़ा करने का फैसला किया है। शाब्दी का कहना है कि ज्यादातर लोगों का मानना है कि संविधान बचाने के लिए कड़ा फैसला लेना जरूरी है। साथ ही वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। शाब्दी ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सुशील कुमार शिंदे को हमारे उम्मीदवार की वजह से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पार्टी ने इस बार सोच समझकर फैसला लिया है।

2019 में किसे कितने वोट मिले

उम्मीदवार पार्टी मिले वोट

जय सिद्धेश्वर स्वामी भाजपा 524985

सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस 366377

प्रकाश आंबेडकर वंचित + एमआईएम 170007

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