संज्ञान: कोराडी ऊर्जा प्रकल्प में लगेगा प्रदूषण नियंत्रण यूनिट, कोर्ट की फटकार के बाद उठाए कदम

  • विदर्भ कनेक्ट संस्थान ने जनहित याचिका दायर की
  • कोर्ट ने दिया था एक सप्ताह का समय
  • पहले लापरवाही अब महाजेनको ने किया एग्रीमेंट

Anita Peddulwar
Update: 2024-02-01 10:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कोराडी ऊर्जा प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण फ्यू गैस डिसल्फराईजेशन (एफजीडी) यूनिट लगाने को लेकर महाजेनको गंभीर ना होने की वजह से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने महाजेनको को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट की फटकार लगते ही महाजेनको ने शपथपत्र दायर करते हुए एफजीडी यूनिट लगाने के लिए 31 जनवरी को शापूरजी पालोनजी एॅण्ड कंपनी प्रा. लि. के साथ एग्रीमेंट किया गया है, यह जानकारी दी। कोराडी में यूनिट नंबर 8, 9 और 10 पर एफजीडी यूनिट लगाने के लिए 1 हजार 345 करोड़ रुपये का पहले वर्क ऑर्डर जारी किया था और अब एग्रीमेंट भी किया गया।

1800 मेगा वॉट बिजली ही विदर्भ को चाहिए : हाल ही में कोराडी ऊर्जा प्रकल्प का विस्तार शुरु हुआ है। लेकिन ऊर्जा प्रकल्पों की वजह से विदर्भ में पहले ही काफी प्रदूषण बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए विदर्भ में अब एक भी ऊर्जा प्रकल्प ना हो यह मांग करते हुए विदर्भ कनेक्ट इस संस्थान नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका दायर की है। राज्य में 24 हजार मेगा वॉट बिजली की जरूरत है। सिर्फ अकेले विदर्भ में 17 हजार मेगा वॉट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसमें से केवल 1800 मेगा वॉट बिजली ही विदर्भ को चाहिए। इसलिए कोराडी ऊर्जा प्रकल्प के विस्तार को याचिकाकर्ता ने विरोध किया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि, कोराडी ऊर्जा प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण एफजीडी यूनिट लगाने के शर्त पर ही 4 जनवरी 2010 को कोराडी प्रकल्प को पर्यावरण मंजूरी दी गई। लेकिन पिछले 13 सालो से प्रकल्प में प्रदूषण नियंत्रण यूनिट ही नहीं लगाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने महाजेनको को प्रदूषण नियंत्रण यूनिट लगाने को लेकर अब तक क्या किया है इस बारे में शपथपत्र दायर करने के आदेश दिए थे। पिछली सुनवाई में महाजेनको की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ विधिज्ञ सावंत ने कोर्ट को बताया था कि, कोराडी में यूनिट नंबर 8, 9 और 10 पर एफजीडी मशीन लगाने के लिए 1 हजार 345 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है और यह काम 26 से 30 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसपर कोर्ट ने कहा था कि, महाजेनको पिछले कई सालों से सिर्फ यह क हकर धूल फांक रहा है। इसलिए कोर्ट ने महाजेनको द्वारा दी गई जानकारी पर असंतोष जताते हुए एक सप्ताह के भीतर यूनिट लगाने का एग्रीमेंट और वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे। 

मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में महाजेनको ने कोराडी में एफजीडी यूनिट लगाने को लेकर एग्रीमेंट किए जाने की जानकारी दी। साथ ही यह एग्रीमेंट गोपनीय रहे इसलिए सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने की अनुमती मांगी है। कोर्ट ने अब इस मामले में एक सप्ताह के बाद अगली सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।

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