खतरा टला: रेल पटरियों की मजबूती बढ़ी, फ्रैक्चर में आई कमी

लक्ष्य से ज्यादा काम का परिणाम

Anita Peddulwar
Update: 2023-11-17 09:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लगातार लक्ष्य से ज्यादा काम करते हुए रेल पटरियों को पहले से ज्यादा मजबूत बना दिया है। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढी है। सुरक्षा में भी इजाफा हो रहा है। यह हम नहीं आंकड़े बया कर रहे हैं। गत दो साल की तुलना में इस वर्ष पटरियों पर होने वाले रेल फ्रैक्चर की संख्या काफी कम है।

पिछले साल हुए थे सौ, इस साल 50 फ्रैक्चर भी नहीं

जानकारी के अनुसार मध्य रेलवे को ट्रैक नवीनीकरण का काम अप्रैल से अक्टूबर के बीच में 146 किमी करना था, लेकिन कम समय में लक्ष्य ज्यादा 222 किमी पटरियों को बदलने का काम किया गया। इसी तरह 73 किमी तक पटरियों के स्लीपर बदलने थे, लेकिन 103 किमी का काम पूरा किया गया है। 350 ट्रैक मेंटनेंस की जगह 417 किमी काम पूरा किया गया। 3823 ब्रिज के स्लीपर बदलना था। तेजी से काम करते हुए 6 हजार से ज्यादा ब्रिज के स्लीपर बदले गए। परिणामस्वरुप आए दिन रेलवे पटरियों पर होने वाले क्रेक से अब प्रशासन को राहत मिल रही है। पहले आए दिन पटरियों पर क्रेक होते थे, जिससे गाड़ियों की रफ्तार तो कम होती थी। हादसे भी बढ़ गए थे। आंकड़ों की बात करें, तो वर्ष 2021 में 147 रेल फ्रेक्चर की घटनाएं हुई थीं। वही वर्ष 2022 में 100 के करीब रेल फ्रैक्चर हुए, लेकिन इस साल अभी तक 50 भी रेल फ्रैक्चर नहीं हुए हैं। ऐसे में रेल पटरियों की सुरक्षा बढ़ी है, कहा जा सकता है।

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