अनदेखी: विधान सभा में घोषणा के बाद भी नागपुर को नहीं मिला उपसंचालक

विधान सभा में घोषणा के बाद भी नागपुर को नहीं मिला उपसंचालक
समाज कल्याण विभाग के भरोसे चल रहा है काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (आेबीसी) के कल्याण के लिए विभाग तो बना दिया, लेकिन अभी तक नागपुर विभाग में उपसंचालक नहीं मिला है। सरकार ने मानसून सत्र में घोषणा की थी कि, सरकार आेबीसी के सर्वांगीण कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है आैर शीघ्र ही नागपुर में उपसंचालक की नियुक्ति की जाएगी। नागपुर में ऑफिस तैयार हुए डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया है। उपसंचालक का कैबिन बन गया, लेकिन खाली पड़ा है। आेबीसी विभाग का कामकाज समाज कल्याण विभाग के भरोसे चल रहा है।

सहायक आयुक्त के पद का भी सृजन नहीं : राज्य में पहली बार आेबीसी व बहुजन कल्याण मंत्रालय बना है। आेबीसी के लिए पहले सारी योजनाएं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जाती थीं। आेबीसी मंत्रालय बनने के बाद आेबीसी के विकास, कल्याण व हित की योजनाएं आेबीसी विभाग के माध्यम से चलाई जाएंगी। इसके लिए कार्यालय बनाने के साथ ही अधिकारियों की नियुक्ति करना जरूरी है। सरकार ने मानसून सत्र में घोषणा की थी कि, नागपुर में उपसंचालक व चंद्रपुर में सहायक आयुक्त की नियुक्ति शीघ्र होगी, ताकि आेबीसी के कल्याण की योजनाआें पर तेजी से अमल हो सके। नागपुर में उपसंचालक का कैबिन खाली पड़ा है। अमरावती में पदस्थ उपसंचालक विजय सालवे लंबे समय से यहां का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। इसी तरह चंद्रपुर में भी अन्य पिछड़ा व बहुजन कल्याण विभाग को स्वतंत्र सहायक आयुक्त नहीं मिला है। समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त यहां का कामकाज देख रहे हैं।

Created On :   17 Nov 2023 9:08 AM GMT

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