यलगार मार: कड़ू बोले - कर्जमाफी की तारीख पर सरकार ने विश्वासघात किया तो खैर नहीं, तायडे का आरोप - इनका 72 एकड़ में बंगला और स्वीमिंग पुल!

कड़ू बोले - कर्जमाफी की तारीख पर सरकार ने विश्वासघात किया तो खैर नहीं,  तायडे का आरोप - इनका 72 एकड़ में बंगला और स्वीमिंग पुल!
सरकार से बातचीत के बाद नागपुर लौटे पूर्व मंत्री कड़ू सरकार ने विश्वासघात किया तो खैर नहीं अचलपुर के विधायक तायडे का बड़ा आरोप

Nagpur News. किसान आंदोलन के नेता बच्चू कड़ू ने कहा है कि सरकार ने 30 जून से पहले किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया है। पहले सरकार उचित समय आने पर घोषणा करने की बात कह रही थी। आंदोलन की ताकत है कि तारीख की घोषणा करनी पड़ी। इसमें थोड़ी भी दगाबाजी की तो खैर नहीं। एक भी किसान के साथ नाइंसाफी होने पर डबल ताकत से अांदोलन किया जाएगा। मुंबई में सरकार के साथ बातचीत करने के बाद शुक्रवार को नागपुर लौटे कड़ू खापरी स्थित समाज भवन में आंदोलन स्थल पर आंदोलनकारियों को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि तारीख लेकर आया हूं। 30 जून 2026 तक कर्ज मुक्ति होकर रहेगी। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद तारीख घोषित करने की बात कही जा रही थी। हम आंदोलन की भूमिका पर अड़े रहे। आखिरकार ढाई घंटे की मैराथन बैठक के बाद तारीख की घोषणा की गई। यह आंदोलन में सहभागी होकर ताकत दिखाने वाले किसान और किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं की एकजुटता का परिणाम है। अन्य विषयों पर संबंधित विभाग के मंत्रियों के साथ अलग से बैठक कर समस्या हल करने का सरकार ने वादा किया है।

चालू वर्ष का कर्ज भी माफ होगा

सरकार की घोषणा पर हो रही चर्चा पर कडू ने कहा कि इसमें किसानों का नुकसान नहीं उल्टा फायदा है। कोई भी कर्ज बकाया हुए बिना माफ करने का अभी तक नियम नहीं है। चालू वर्ष में जिन्होंने फसल कर्ज लिया है, वह बकाया तब कहलाएगा, जब कर्ज लौटाने की अवधि समाप्त हो जाएगी। कुछ लोगों का कर्ज 31 मार्च और कुछ लोगों का 30 जून के बाद बकाया होगा।

सरकार ने बकाया कर्ज माफ करने की घोषणा की है। उसमें सभी बकाया कर्ज माफ करने के दायरे में आ जाएगा। इसलिए किसी के बहकावे में आने की आवश्यकता नहीं है। कर्ज कहां से भरें, चिंता छोड़ दो। अगले वर्ष कर्ज उठाने की चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। कर्ज बकाया रहने पर भी नया कर्ज अदा किया जाएगा। बकाया कर्ज वसूली के लिए किसानों पर दबाव नहीं बनाया जाएगा। कड़ू ने कहा कि संपन्न और जो नौकरी कर खेती करते हैं, उन्हें कर्ज मुक्ति की आवश्यकता नहीं है। जो किसान केवल खेती करते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। उन्हीं का कर्ज माफ करने की हमारी मांग है। जो कर्ज मुक्ति का असल हकदार है। उसे वंचित रखे जाने पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अचलपुर के विधायक तायडे का बड़ा आरोप, कड़ू का 72 एकड़ में बंगला और स्वीमिंग पुल!

उधर अमरावती के किसान आंदोलन से चर्चा में आए पूर्व मंत्री बच्चू कडू पर अचलपुर के विधायक प्रवीण तायडे ने बड़ा आरोप लगाया है। विधायक तायडे ने कहा कि अमरावती के परतवाड़ा-चांदूर बाजार रोड पर पूर्णा नदी के किनारे लगभग 72 एकड़ जमीन कड़ू की है। इस विशाल परिसर में आलीशान बंगला, फार्महाउस, गारमेंट फैक्ट्री, मिक्सर प्लांट, स्वीमिंग पूल, विद्यालय, खेत तालाब तथा प्रहार जनशक्ति पार्टी का कार्यालय है। तायडे ने कहा कि इतनी बड़ी संपत्ति का स्रोत संदिग्ध है, इसलिए इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराई जानी चाहिए। एक जनप्रतिनिधि होकर यदि कोई इतनी बड़ी निजी संपत्ति खड़ी करता है, तो यह जनभावनाओं के साथ विश्वासघात है। सरकार को इसकी पूरी पारदर्शी जांच करानी चाहिए। इस मामले में बार-बार संपर्क करने पर भी पूर्व मंत्री बच्चू कड़ू का पक्ष नहीं मिल पाया।

जल्द ही शिंदे के साथ दिखेंगे कड़ू : राणा

इसी बीच, विधायक रवि राणा ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि बच्चू कड़ू बहुत जल्द उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा करते नजर आएंगे। गुरुवार को सह्याद्री भवन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जा चुका है। राणा ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के काल में पूरे ढाई वर्षों तक तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कभी किसानों के खेतों में जाकर उनकी सुध नहीं ली। उस समय मंत्री रहते हुए भी कड़ू मौन रहे। अब किसानों के आंदोलन में वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए सक्रिय हैं।

Created On :   1 Nov 2025 5:29 PM IST

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