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Nagpur News: सेंट्रल जेल के सीएमओ से की जाएगी पूछताछ, अवकाश के लिए फर्जी प्रमाण पत्र

- धंतोली थाने में 40 कैदियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच
- अवकाश के लिए फर्जी प्रमाण पत्र
Nagpur News. सेंट्रल जेल की सलाखों से बाहर आने के लिए परिजनों के नाम पर बीमारी के फर्जी दस्तावेज बनाकर पेश करने वाले 40 कैदियों के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले का खुलासा होने पर धंतोली थाने में कारागृह सिपाही मयूर नागपुरे की शिकायत पर इन कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। थाने की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अनामिका मिर्जापुरे ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि इस प्रकरण की तह तक जांच की जाएगी। नागपुर की सेंट्रल जेल के सीएमओ से भी इन दस्तावेजों के सत्यापन किए जाने संबंधी पूछताछ की जाएगी।
कहां चूक हुई
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में पुलिस इस बात की गहन जांच करने वाली है कि आखिर 40 कैदियों द्वारा पैरोल अवकाश के लिए फर्जी प्रमाण पत्र देने के बाद उसकी जांच प्रक्रिया में कहां चूक हो गई थी। इस प्रकरण में दस्तावेजों को बनाए जाने से लेकर उसकी जेल में किस-किस अधिकारी के टेबल पर जांच की गई, इस दिशा में जांच-पड़ताल होगी। ऐसा हुआ तो कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर भी जांच की आंच आने वाली है। बताया जाता है कि जेल में कैदियों के लिए तीन तरह की अवकाश की सुविधा दी जाती है। जेल में बंद कैदी पैरोल अवकाश, फरलो या डेथ पैरोल के नाम से अवकाश ले सकता है।
आंदोलन के बाद जांच
बच्चू कडू द्वारा महा एल्गार मार्च शुरू किया गया है, जिसमें शहर और ग्रामीण पुलिस का बंदोबस्त तैनात किया गया है। शहर के कई थानों के महिला व पुरुष थानेदार और कर्मचारी बंदोबस्त में तैनात हैं। कडू का आंदोलन खत्म होने के बाद धंतोली पुलिस, दर्ज कैदियों के प्रकरण की जांच शुरू करने वाली है। इसमें सभी पहलुओं के मद्देनजर जांच की जाएगी। बताया जाता है कि जेल में बंद किसी भी कैदी के परिजनों के बीमार या उसकी मौत होने पर जेल से बाहर जाने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए दस्तावेज पेश करना बाहर जाने का आसान तरीका होता है। नागपुर की जेल के उक्त कैदियों ने यही तरीका अपनाकर अवकाश लेने का प्रयास किया है।
पहले यह देते थे मंजूरी
कुछ साल पहले पैरोल अवकाश की मंजूरी विभागीय आयुक्त दिया करते थे। फरलो और डेथ पैरोल अवकाश को जेल डीआईजी मंजूर करते थे, लेकिन गत एक वर्ष पहले एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत अब पैरोल, फरलो और डेथ पैरोल अवकाश को जेल डीआईजी ही मंजूर करते हैं। जब इन अवकाशों के लिए कैदी, जेल अधीक्षक कार्यालय में अर्जी देता है, तब उसकी अर्जी को जेल के अंदर न्याय विभाग के पास भेजा जाता है। इस विभाग में उपअधीक्षक स्तर के अधिकारी प्रमुख होता है। इसके बाद छुट्टी टेबल पर डीवाईएसपी, सीनियर जेलर, ग्रुप 2 जेलर, क्लर्क स्तर के 4 अधिकारी, कर्मचारी की नजरों से अर्जी गुजरती है। इसके बाद अर्जी के बारे में संबंधित कैदी के क्षेत्र के उपायुक्त या एसीपी स्तर के अधिकारी से विचार-विमर्श किया जाता है। इनकी एनओसी मिलने पर उस अर्जी को जेल अधीक्षक और फिर जेल डीअाईजी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है।
Created On :   31 Oct 2025 6:40 PM IST












