Powai News: 4 दिन से चल रहा था वेब सीरीज का ऑडीशन, सांगली- सातारा-कोल्हापुर- पुणे और नवी मुंबई आए थे बच्चे

4 दिन से चल रहा था वेब सीरीज का ऑडीशन, सांगली- सातारा-कोल्हापुर- पुणे और नवी मुंबई आए थे बच्चे
  • अभिभावकों की गुहार का भी आरोपी पर नहीं हुआ असर
  • खुद को बताता था फिल्म निर्माता
  • आरोपी ने पुलिस से कहा कि दीपक केसरकर से बात कराओ
  • फायर ब्रिगेड-पुलिस का संयुक्त अभियान

Mumbai News. दिवाकर सिंह | पवई में स्टूडियो के अंदर बच्चों को बंधक बनाने के आरोपी रोहित आर्या को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी ने पूरी योजना बनाकर तीन-चार दिन पहले स्टूडियो किराए पर लिया था। हालांकि उसने किराए के रूप में कितने रुपए दिए थे, इसकी जांच जारी है। सूत्रों के मुताबिक, योजना के तहत स्टूडियो को किराए कर लेने से पहले आरोपी ने सोशल मीडिया और ग्रामीण क्षेत्रों के अखबारों में फिल्मों और वेब सीरीज के लिए होने वाले ऑडिशन का विज्ञापन दिया था। इस विज्ञापन के चलते ही महाराष्ट्र के कई जिलों से बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मुंबई आए थे। इनमें सांगली, सातारा, कोल्हापुर, पुणे और नवी मुंबई के बच्चे शामिल थे। आरोपी ने स्टूडियो को 6 दिन के लिए किराए पर लिया था और गुरुवार का दिन अंतिम था।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, करीब चार-पांच दिन से पवई के स्टूडियो में फिल्मों और वेब सीरीज के लिए कलाकारों के चयन (कास्टिंग) का काम चल रहा था। स्टूडियो में कुल 17 बच्चों का फाइनल चयन हुआ था। गुरुवार को 17 बच्चे, दो अभिभावक और एक अन्य महिला मौके पर मौजूद थी। दोपहर के भोजन के समय जब बच्चे स्टूडियो से बाहर निकले, तो अभिभावकों ने देखा कि बच्चे कांच की खिड़की से हाथ हिलाकर इशारे कर रहे हैं, मानो किसी तरह की मदद मांग रहे हों। इसके बाद सोसायटी और अभिभावकों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस स्टूडियो में कास्टिंग के नाम पर बच्चों को रोका जा रहा था और बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

अभिभावकों की गुहार का भी आरोपी पर नहीं हुआ असर

स्टूडियो के बाहर बंधक बनाए गए बच्चों के परिजन भारी संख्या में जमा हो गए थे। पुलिस ने माता-पिता की आवाज आरोपी तक पहुंचाकर बातचीत करने की कोशिश की। एक महिला ने फोन पर रोते हुए कहा कि मेरी बेटी को मिर्गी आते हैं, प्लीज उसे छोड़ दो, लेकिन आरोपी पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ। शुरुआत में वह पुलिस से बात कर रहा था, लेकिन बाद में बोला कि मुझे तुम लोगों पर भरोसा नहीं है और बातचीत बंद कर दी।

आरोपी ने पुलिस से कहा कि दीपक केसरकर से बात कराओ

सूत्रों के अनुसार, आरोपी रोहित आर्या स्टूडियो में आग लगाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ लेकर आया था। उसके पास एयरगन थी, जिससे उसने बच्चों और अपने कर्मचारियों को डराकर बंधक बनाया। इस दौरान उसने पुलिस के सामने पूर्व मंत्री दीपक केसरकर से बात करने की मांग रखी। पुलिस ने सहमति जताई, लेकिन आरोपी किसी भी कीमत पर बच्चों को छोड़ने को तैयार नहीं हुआ।

‘कुछ पैसे चेक से दिए गए थे, नहीं मिले तो विभाग से करना चाहिए था संपर्क’

पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आरोपी रोहित आर्या के मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व शिक्षा मंत्री केसरकर ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से उसकी कोई मदद नहीं की है। केसरकर ने कहा कि काम के पैसे चेक से दिए गए थे। सरकारी काम में सभी प्रावधान पूरे किए बिना पूरी राशि नहीं मिलती। हालांकि, मुझे नहीं लगता है कि उसके दो करोड़ रुपए अटके हुए हैं। अगर ऐसा था, तो उसे विभाग से संपर्क करना चाहिए था।

वर्षा गायकवाड, सांसद व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक पवई में रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाकर जिस तरह से भयावह माहौल बनाया, उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। रोहित आर्या को शिक्षा विभाग से पैसे नहीं मिले थे। ठेकेदार को भुगतान करना राज्य सरकार का काम है, लेकिन इसका खामियाजा आम नागरिक और बच्चे भुगत रहे हैं।

फायर ब्रिगेड-पुलिस का संयुक्त अभियान

अंदर की स्थिति और न बिगड़े, इसलिए पुलिस ने आरोपी को ज्यादा समय तक बातों में उलझाकर रखा। उसी बीच फायर ब्रिगेड की टीम ने बाथरूम की खिड़की की ग्रिल काटने का काम शुरू किया। करीब साढ़े चार घंटे की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड अंदर पहुंच पाई। एपीआई अमोल वाघमारे ने सबसे पहले स्टूडियो में प्रवेश किया। तभी आरोपी ने एयरगन से फायरिंग की कोशिश की। स्थिति बिगड़ने से पहले एपीआई वाघमारे ने जवाबी फायर किया।

ऐसे चला घटनाक्रम

  • गुरुवार सुबह 8 बजे : आरोपी ने बच्चों को शूटिंग का बहाना करके बुलाया था
  • दोपहर 1.30 बजे : पुलिस को 20 लोगों के बंधक बनाए जाने की सूचना मिली
  • दोपहर 1.45 बजे : पुलिस की टीम और अधिकारी मौके कर पहुंचे
  • दोपहर 2 बजे : पुलिस ने आरोपी से फोन कॉल करके बात की और इस दौरान उसे समझाने और उसकी बात सुनने की बात कही। इस दौरान पुलिस ने आरोपी की उसके परिवार से भी बात कराई। करीब 1 घंटे तक पुलिस लगातार आरोपी से बात करती रही, लेकिन वह नहीं माना।
  • दोपहर 3.30 बजे : पुलिस की टीम ने प्लान बनाया और बाथरूम के ग्रिल को तोड़कर स्टूडियो के अंदर घुसी। वहां बच्चों को दो समूह में बांटकर बंधक बनाया गया था।
  • शाम 4.45 बजे : आरोपी द्वारा एयरगन चलाए जाने के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसे गोली मारी और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
  • 17 बच्चों में 9 लड़के और 8 लड़कियां शामिल थीं, जिनकी उम्र 12 से 14 साल के बीच है।

Created On :   31 Oct 2025 5:16 PM IST

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