राजग को आस: सीमांचल में ओवैसी कराएंगे चुनावी नैया पार, महागठबंधन काे सता रहा एआईएमआईएम का डर

सीमांचल में ओवैसी कराएंगे चुनावी नैया पार, महागठबंधन काे सता रहा एआईएमआईएम का डर
  • आरएसएस कार्यकर्ता कर रहे डोर-टू-डोर जनसंपर्क
  • महागठबंधन का गुरूर तोड़ने का करेंगे कामः जलील

New Delhi News. अजीत कुमार. बिहार में चुनाव प्रचार इस समय पूरे शबाब पर है। दोनों गठबंधनों के शीर्ष नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी छोटी पार्टियां भी पूरे दमखम के साथ मैंदान में हैं। इस बार का विधानसभा चुनाव दोनों गठबंधनों के लिए नाक का सवाल बन गया है। ऐसे में राजग और महागठबंधन कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। इस बीच, राजग की नजरें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पर जा टिकी है। राजग के रणनीतिकारों का मानना है कि एआईएमआईएम जितनी मजबूती से चुनाव लड़ेगी, महागठबंधन को उतना ही नुकसान पहुंचेगा और आखिरकार इसका फायदा राजग को मिलेगा। बिहार का पिछला विधानसभा चुनाव इसकी नजीर है।

दरअसल, बिहार चुनाव में इस बार राजग और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। ऐसे में राजग के रणनीतिकार चुनावी बिसात पर फूंक-फूंक कर अपने मोहरें आगे बढ़ा रहे हैं। उधर, महागठबंधन भी पूरी तरह कमर कसे हुए है। हालांकि, महागठबंधन एआईएमआईएम से आशंकित है। उसे इस बात का बखूबी इल्म है कि ओवैसी की पार्टी जितनी मजबूती से चुनाव लड़ेगी, मुस्लिम मतों का बिखराव महागठबंधन को ही नुकसान पहुंचाएगा। दूसरी ओर, राजग के लिए ये फायदेमंद साबित होगा। सूत्रों के अनुसार, राजग की कोशिश है कि सीमांचल के इलाके में वह एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से सीधी लड़ाई का माहौल बनाए। इससे, जहां हिंदू मतदाता एकजुट होकर राजग के पाले में खड़े हो सकते हैं तो वहीं, मुस्लिम मतदाताओं के महागठबंधन के खेमे से खिसक कर एआईएमआईएम के पाले में जाने की संभावना बढ़ेगी।

आरएसएस कार्यकर्ता कर रहे डोर-टू-डोर जनसंपर्क

महाराष्ट्र से आने वाले आरएसएस कार्यकर्त्ता मिथिलांचल और सीमांचल के इलाके में डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान की कमान संभाल रहे हैं। संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी में डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा, सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, अररिया और अन्य इलाकों में चुनावी प्रचार के शोर से दूर घर-घर संपर्क कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर भी छठ महापर्व के दौरान मिथिलांचल में प्रवास कर चुके हैं।

महागठबंधन का गुरूर तोड़ने का करेंगे कामः जलील

एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष व छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील इस समय बिहार में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने ने ‘दैनिक भास्कर’ से कहा कि हमें सभी तबकों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में उनकी पार्टी राजद का गुरूर तोड़ने का काम करेगी। सीमांचल के इलाके में मुसलमान राजद और महागठबंधन से सख्त नाराज हैं। जलील ने बताया कि एआईएमआईएम ने राजद प्रमुख को पत्र लिख कर महज 6 सीटें मांगी थी। लेकिन राजद ने जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में हमने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। हालांकि उन्होने यह भी कहा कि चुनाव बाद जरूरत पड़ी तो हम महागठबंधन को समर्थन देंगे।

पिछले चुनाव में सीमांचल में राजग को मिली थी बढ़त

पिछले विधान सभा चुनाव में सीमांचल के इलाके की कुल 24 सीटों में से 12 सीटें राजग को मिली थी, जबकि महागठबंधन के खाते में 7 सीटें आई थी। इसकी वजह एआईएमआईएम को माना जाता है, क्योंकि एआईएमआईएम ने शेष 5 सीटों पर अपना विजय पताका लहराया था। पिछले चुनाव में एआईएमआईएम 20 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, इस बार उसने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

Created On :   31 Oct 2025 7:52 PM IST

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