जीने की राह: जीवनदान देने उठाया बीड़ा, जनजागरण का असर, एक साथ 25 लोगों ने लिया देहदान का संकल्प

  • मेडिकल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने किया जागरण
  • अंगों की प्रतीक्षा में महीनों इंतजार करते हैं मरीज
  • विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए मिलेगी मदद

Anita Peddulwar
Update: 2024-01-27 08:30 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोई भी व्यक्ति जीते जी समाज के काम आता है, लेकिन मरने के बाद भी समाज के काम आ सके, ऐसे विरले ही होते हैं। आधुनिक विज्ञान ने मृत्यु के बाद शरीर कैसे काम आ सकता है, यह सिद्ध कर दिया है। विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए मृत देह की जरूरत होती है, वहीं हजारों जरूरतमंदों को अंगों की प्रतीक्षा है। अंगदान से जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिलता है, इसलिए इस महान कार्य के लिए लोगों ने आगे आना चाहिए। ऐसा आह्वान मेडिकल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने किया। उनके आह्वान पर एक साथ 25 लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है।

देहदान का आह्वान : कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर ने देहदान विषय को लेकर जागरूकता के लिए विशेष खबर प्रकाशित की थी। इसमें देहदान के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया था। देहदान के प्रति जागरूकता होना जरूरी है। इसी के मद्देनजर दिघोरी स्थित रतनसुत्त बुद्धविहार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनुसयाबाई दशरथ बांबोडे की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में देहदान व अंगदान के प्रति जागरूकता व इसके लिए सामने आने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे, शरीर रचना शास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. अरुण कसोटे, डॉ. कांचन वानखेडे, बहार फाउंडेशन के संचालक डॉ. अशोक उरकुडे, प्रदीप बांबोडे व देवीदास बांबोडे उपस्थित थे।

इनकी रही उपस्थिति : कार्यक्रम की सफलता के लिए दिघोरी उपासिका संघ की अध्यक्ष नीता डोंगरे, सचिव लता तायडे धम्म प्रशिक्षक प्रा. सुभाष शेंडे, समता सेवा संघ के सचिव पुरुषोत्तम गजभिये, प्रबुद्ध युवक मंडल के अध्यक्ष मुकेश ढोक, संगठन के किशोर उके रंजू रंगारी, प्रियंका नागदेवते, वर्षा नितनवरे, पुष्पा बनकर, भारती सोंडवले, कमल चौधरी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पंकज पाटील ने किया। अाभार प्रदर्शन दर्शना मेश्राम ने किया।

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