फ्रॉड: सेवानिवृत्त कर्मी के साथ धोखाधड़ी करने वाले डेवलपर्स के खिलाफ मामला दर्ज

सेवानिवृत्त कर्मी के साथ धोखाधड़ी करने वाले डेवलपर्स के खिलाफ मामला दर्ज
  • आरोपी ने किया फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर कर खेती हड़पने का प्रयास
  • एमआईडीसी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्डीनेंस फैक्टरी के सेवानिवृत्त कर्मी विद्यानंद मसारकर की खेती हड़पने के इरादे से डेवलपर्स आरोपी राजेश मेश्राम ने उनकी खेती के सभी फर्जी दस्तावेज बनाया और खेत के असली मालिक विद्यानंद मसारकर की फर्जी हस्ताक्षर कर उनके साथ धोखाधड़ी की। आरोपी ने विद्यानंद के खिलाफ ही दीवानी न्यायालय में फर्जी दस्तावेज देकर उस पर फर्जी हस्ताक्षर कर खेती हड़पने का भरसक प्रयास किया। इस मामले की सच्चाई सामने आने पर विद्यानंद ने आरोपी के खिलाफ एमआईडीसी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी राजेश पर धारा 465, 468, 471, 420 के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि आरोपी राजेश, पीड़ित 75 वर्षीय विद्यानंद मसारकर का रिश्ते में चचेरा दामाद लगता है।

क्या है मामला : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवनीत नगर अमरावती रोड वाड़ी निवासी विद्यानंद उपासराव मसारकर (75) ने एमआईडीसी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह आर्डीनेंस फैक्टरी अंबाझरी अमरावती रोड में नौकरी करते थे। वर्ष 2008 में सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता उपासराव ने मौजा वानाडोंगरी संगम रोड में खसरा नंबर पुराना 68, नया खसरा नंबर 37 / अ, के अनुसार 2.10 हेक्टेयर आर यानी 5.25 एकड़ खेती खरीदी थी। वर्ष 1959 में उपासराव ने खेती का बक्षीस पत्र अपने बेटे विद्यानंद के नाम पर कर दिया था। सातबारा पर विद्यानंद का ही नाम है। वही इस खेती की देखरेख करते आ रहे हैं। गले की गंभीर बीमारी होने पर आर्थिक तंगी के चलते विद्यानंद ने खेती बेचने का मन बनाया। 19 फरवरी 2023 को विद्यानंद ने अपनी खेती शंकर नगर नागपुर निवासी रितेश शर्मा को बेचने का करारनामा किया। रितेश ने अखबार में पब्लिक नोटिस दिया। इसके बाद विद्यानंद के चचेरे दामाद व डेवलपर्स राजेश देवराव मेश्राम, प्रियदर्शिनी नगर त्रिमूर्तिनगर नागपुर निवासी ने उनसे कहा कि तुमने खेती क्यों बेची। राजेश ने उन्हें धमकी दी कि वह खेती बेचने नहीं देगा।

खरीददार को राजेश ने भेजा नोटिस : आरोपी राजेश ने कुछ दिनों बाद विद्यानंद की खेती खरीदने का सौदा करने वाले रितेश शर्मा को लिखित नोटिस भेजा। नोटिस में उसने रितेश शर्मा को बताया कि वह विद्यानंद की खेती का सौदा उनके करारनामा से पहले ही खरीदी कर चुका है। राजेश ने नोटिस के साथ रितेश शर्मा को कोई दस्तावेज नहीं दिया। रितेश ने यह बात विद्यानंद को बताई तो वह राजेश से पूछताछ करने। राजेश धमकाने लगा कि अगर तुमने खेती बेची तो बर्बाद कर दूंगा। इसके बाद विद्यानंद ने अपनी खेती रितेश शर्मा व अन्य दो लोगों से करीब 6.5 करोड़ रुपए लेकर उनके नाम पर हिंगना में सह दुय्यम निबंधक कार्यालय में रजिस्ट्री कर खेती पर कब्जा दे दिया। अक्टूबर 2023 में विद्यानंद को दीवानी न्यायालय सीनियर डिवीजन का नोटिस मिला। नोटिस में लिखा गया था कि 20 मार्च 2003 को उन्होंने अपनी खेती राजेश मेश्राम को बेचने का बिक्री करारनामा किया है। इसके बाद खेती तुमने रितेश शर्मा और अन्य दो लोगों को 5 नवंबर 2022 को बेच दिया है। इस बारे में विद्यानंद को दीवानी न्यायालय से नोटिस भेजा गया था।

राजेश के साथ कोई सौदा नहीं किया था : विद्यानंद ने जब न्यायालय में पेश किए गए बिक्री करारनामा, कब्जा इसार पत्र के दस्तावेज देखा तो हैरान रह गए। इन दस्तावेजों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। दस्तावेज भी फर्जी बनाए गए थे। विद्यानंद ने इसकी एमआईडीसी थाने में शिकायत की। उस दस्तावेज पर किए गए हस्ताक्षर की विशेषज्ञ उल्हास आठवे, रामदासपेठ निवासी ने जांच की तो वह फर्जी निकली। उसके साथ उन्होंने खेती का कोई सौदा नहीं किया था। विद्यानंद ने शिकायत में पुलिस को बताया कि वर्ष 2003 में उन्होंने बेटे के लिए मोटरसाइकिल खरीदने के लिए राजेश से 50 हजार रुपए उधार लिया था। इसके बाद यह रकम वापस भी लौटा दी थी। पुलिस को जांच में पता चल गया कि आरोपी ने उनकी खेती हड़पने का प्रयास किया था। पुलिस ने आरोपी पर ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।'

Created On :   27 Jan 2024 8:06 AM GMT

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