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Nagpur News: एक स्कूल ऐसा, जहां शहीदों के नाम पर कक्षाएं, देशभक्ति से भरा अनोखा कार्यक्रम

- विद्यार्थियों में बलिदान की भावना जागृत करने की प्रेरणादायक पहल
- शहीदों के नाम पर कक्षाएं
Nagpur News. आज के दौर में जब बच्चों के लिए ‘हीरो' का मतलब सिर्फ बॉलीवुड सितारे हैं, तब नागपुर मनपा के एक स्कूल पन्नालाल देवड़िया विद्यालय ने ऐसा अभिनव उपक्रम शुरू किया है, जो देशभक्ति, शहीदों के प्रति सम्मान और प्रेरणा से परिपूर्ण है। इस स्कूल में किसी भी कक्षा को कक्षा क्रमांक से नहीं, बल्कि देश के वीर शहीदों के नाम से जाना जाता है। कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक की प्रत्येक कक्षा को एक शहीद जवान के नाम पर नामित किया गया है। हर कक्षा के बाहर उस शहीद की तस्वीर, शहीद होने की तिथि और स्थान की जानकारी बड़े ही सम्मान और गौरव के साथ प्रदर्शित की गई है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को देश के सच्चे हीरो के बारे में जानकारी देना और उनके बलिदान की महत्ता समझाना है।
इन कक्षाओं को मिला नाम
विद्यालय की कक्षाओं को जिन शहीदों के नाम पर रखा गया है, वे भारतीय सैन्य इतिहास की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक हैं। इनमें सभी परमवीर चक्र जैसे उच्चतम सैन्य सम्मान प्राप्त हैं। प्रमुख कक्षाएं मेजर सोमनाथ शर्मा कक्ष, कंपनी क्वार्टरमास्टर हलवीदर अब्दुल हमीद कक्ष, सेकंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे कक्ष, मेजर होशियार सिंह कक्ष, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव कक्ष, मेजर शैतान सिंह कक्ष, रायफल मैन संजय कुमार कक्ष, नायब सुभेदार बाणा सिंह कक्ष इन नामों से हैं। नामों के चयन के पीछे छात्रों को विविध युद्धों और शौर्य प्रसंगों से अवगत कराना है, ताकि वे इतिहास को जीवंत रूप में अनुभव कर सकें। विद्यालय की विज्ञान और कला प्रयोगशालाएं भी प्रेरणादायक नामों से सुसज्जित की गई हैं। विज्ञान प्रयोगशाला को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम कक्ष नाम दिया गया है, जो देश के मिलाइल मैन व पूर्व राष्ट्रपति रहे हैं। कला कक्षा को राजा रवि वर्मा कक्ष नाम दिया गया है, जो भारत के महान चित्रकार रहे हैं।
देशभक्ति का माहौल
इस उपक्रम से विद्यालय का वातावरण पूरी तरह देशभक्ति और प्रेरणा से ओतप्रोत दिखाई देता है। विद्यार्थी भी इन कक्षाओं के नामों के पीछे की कहानियों को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। हर कक्षा की दीवार पर लगे चित्र और जानकारी उन्हें रोज़ कुछ नया सिखाती हैं। पालकों ने भी इस उपक्रम की सराहना की है।
2014-15 में रखी थी नींव
अशोक शेंडे, मुख्याध्यापक (कक्षा 1-4) के मुताबिक इस उपक्रम की नींव वर्ष 2014-15 में पूर्व मुख्याध्यापक संजय पुंड ने रखी थी। उनका उद्देश्य था कि छोटी उम्र से ही बच्चों में देशप्रेम और बलिदान की भावना अंकुरित की जाए। हमने उस सोच को आगे बढ़ाते हुए इस संकल्पना को निरंतर जारी रखा है।
देश के प्रति सम्मान
दीपक वसूले, मुख्याध्यापक के मुताबिक हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले कई विद्यार्थी बेहद साधारण और कठिन परिस्थिति से आते हैं। वे भी अपने जीवन में संघर्ष कर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसी भावना से प्रेरित होकर हमने यह उपक्रम शुरू किया है कि हमारे विद्यार्थी न केवल पढ़ाई करें, बल्कि देश के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी की भावना भी उनमें विकसित हो।
Created On :   2 Aug 2025 6:26 PM IST