हिंगना: इंडस्ट्रियल एरिया में कचरे के ढेर, तो कहीं आवारा श्वानों के आतंक से परेशानी

  • एमआईडीसी परिसर में जहां-तहां कचरे का ढेर
  • परिसर में बदबू और मच्छर के प्रकोप से बीमरियां फैलने का खतरा

Tejinder Singh
Update: 2024-04-29 13:52 GMT

डिजिटल डेस्क, हिंगना। एमआईडीसी परिसर में जहां-तहां कचरे के ढेर लगे हैं। कंपनियों से निकलने वाला कचरा खाली प्लाॅट पर डाल दिया जाता है। इस कचरे के कारण परिसर में बदबू और मच्छर के प्रकोप से परिसर में बीमरियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। परिसर में छोटे- बड़े कई कारखाने हैं। इन कारखाने से निकलने वाला वेस्ट खाली प्लाॅटों में डाला जाता है जिसके कारण दूर-दूर तक कचरा ही कचरा दिखाई देता है। एमआईडीसी परिसर के बाजू में रिहायशी इलाका है जहां अनेक घर हैं। कचरे की वजह से परिसर में बदबू के साथ अनेक बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है।

इससे पहले भी कई बार की है शिकायत

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई नागरिकों ने इस मामले में संबंधित विभाग से शिकायतें की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पर्यावरण विभाग जानकर भी अनजान

स्थानीय नागरिकों ने पर्यावरण विभाग से लिखित शिकायत भी की है। लेकिन पर्यावरण विभाग अधिकारी आते हैं और कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर अपना निजी स्वार्थ साधते हैं।

हिंगना तहसील में आवारा श्वानों का आतंक

उधर सड़कों पर आवारा मवेशियों की आवाजाही कम नहीं हो रही है कि अब आवारा श्वानों का आतंक भी बढ़ गया है। हिंगना तहसील का शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र में श्वानों का आतंक इस कदर बढ़ गया कि सड़कों पर संभलकर चलना पड़ रहा है। आवारा श्वानों द्वारा छोटे बच्चों को काट कर घायल करने की घटनाएं अनेक क्षेत्रों में हो रही हैं। सर्वसामान्य के लिए खतरे बढ़ते जा रहे हैं। तहसील के विभिन्न गांवों में आवारा श्वानों की संख्या में वृद्धि दिखाई दे रही हैं। इन श्वानों का टीकाकरण और नसबंदी कराने की जरूरत है। शासनादेश के रूप में नगर परिषद, नगर पंचायत, ग्रापं के माध्यम से गांव में कोई कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई है। जबकि हाई कोर्ट ने आवारा श्वानों के बंदोबस्त करने का आदेश दिया है। गांवों में आवारा श्वानों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। जिससे उनके टीकाकरण व निर्जंतुकीकरण की आवश्यकता प्रतिपादित की जा रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है।

बंदोबस्त करने की मांग : हिंगना तहसील के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा श्वानों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। बताया गया कि मुहल्लों में अचानक श्वानों की भीड़ जमा हो जाती है जिससे महिलाएं व छोटे बच्चों को बचकर रहना पड़ता है। यह श्वान आते जाते समय लोगों पर भौंकते हैं, काटने के लिए दौड पड़ते हैं।

रातों की नींद हराम

यह आवारा श्वान रात में गली-गली में झुंड में बैठे रहते हैं। एक ने भौंका तो सारे अलग-अलग सुरों में  भौंकते हैं। इन का भौंकना घंटों तक चलता हैं, तो लोगों की नींद हराम होना स्वाभाविक है।

दोपहिया वाहनों पर झपटते हैं : श्वानों का झुंड दोपहिया वाहन पर झपट कर उनका दूर तक पीछा करते हैं, ऐसे में कई वाहन चालक दुर्घटना ग्रस्त भी हुए हैं। इतना ही नहीं, छोटे बच्चों का घर के बाहर खेलना भी खतरे से खाली नहीं है। आवारा श्वानों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा हैं। इस ओर शहर में नप प्रशासन और ग्रामीण में ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा आवारा श्वानों का बंदोबस्त करने की मांग पीड़ित नागरिकों ने की है।

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