बच्चा-बच्चा बना महात्मा गांधी , 150 वी जयंती पर 150 स्टूडेन्ट्स गांधीजी बनकर पहुंचे

बच्चा-बच्चा बना महात्मा गांधी , 150 वी जयंती पर 150 स्टूडेन्ट्स गांधीजी बनकर पहुंचे

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-02 09:37 GMT
बच्चा-बच्चा बना महात्मा गांधी , 150 वी जयंती पर 150 स्टूडेन्ट्स गांधीजी बनकर पहुंचे

डिजिटल डेस्क , नागपुर। किसी ने बैनर में स्वच्छता का संदेश दिया तो किसी ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ के नारे लगाए। स्टूडेन्ट्स ने पथनाट्य के माध्यम से प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश दिया। फिर स्वच्छता विषय पर पथनाट्य प्रस्तुत किया गया। 150 महात्मा गांधी और 10 कस्तूरबा गांधी की वेशभूषा में बच्चों को देखकर सभी आश्चर्यचकित हुए। महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र एवं भिड़े गर्ल्स हाईस्कूल के संयुक्त तत्वावधान में "मैं भी गांधी-गांधी अभिवादन" यात्रा एवं "स्वच्छता ही सेवा" 2019-20 कार्यक्रम किया गया।  "मैं भी गांधी-गांधी" के अंतर्गत सुबह 8 बजे रैली की शुरूआत की गई।  जिसमे 150 छात्राएं महात्मा गांधी की तथा 10 छात्राएं कस्तूरबा की वेशभूषा में थी। रैली का प्रारंभ भिड़े गर्ल्स हाईस्कूल से प्रारंभ होकर मुंजे चौक वेरायटी चौक बर्डी मेन रोड  हनुमान गली से होते हुए वापस भिड़े गर्ल्स हाईस्कूल पहंुची। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में नेताजी मार्केट सीताबर्डी में प्लास्टिक निर्मूलन के लिए श्रमदान किया गया।

अहिंसा और शांति का दिया संदेश
रैली में छात्राओ में अहिंसा और शांति का संदेश दिया। इसके साथ ही समाज में जगजागृति के लिए विभिन्न संदेश दिए गए। रैली में सभी के द्वारा महात्मा गांधी का प्रिय भजन वैष्णवजन भी गाया गया। रैली में छात्राओ का जोश बरकरार रहा। इसके साथ ही रैली के दौरान रास्ते पर पड़े कचरे का संग्रह भी किया गया। साथ ही छात्राओ ने रैली के माध्यम से समाज में जनजागृति फैलाते हुए सभी को महात्मा गांधी के आदर्श पर चलने की बात कहीं।

प्लास्टिक का उपयोग बंद करें
इस अवसर पर प्लास्टिक का उपयोग बंद करने पर पथनाट्य प्रस्तुत किया गया। जिसमें पथनाट्य के द्वारा छात्राओ ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं जिनमें प्लास्टिक एक बहुत बड़ा खतरा बनकर उभरा है। दिन की शुरूआत से लेकर रात में बिस्तर में जाने तक अगर ध्यान से गौर किया जाए तो  प्लास्टिक ने किसी न किसी रूप में हर पल पर कब्जा कर रखा है। टूथब्रश से सुबह ब्रश करना हो या ऑफिस में दिन भर कम्प्यूटर पर काम, बाजार से कोई सामान लाना हो या टिफिन और वॉटर बॉटल में खाना और पानी लेकर चलना। प्लास्टिक हर जगह है हर समय है। पॉलिथीन और प्लास्टिक के इस्तेमाल करने से सबके सेहत के साथ साथ पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है।  पथनाट्य के माध्यम से छात्राओ से प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का संदेश दिया। अंत में यही बताया गया कि पॉलिथीन और प्लास्टिक के बदले हम सभी जूट के थैले एवं कपड़े के थैले का प्रयोग करने लगे तो अपने आप पॉलिथीन और प्लास्टिक बंद हो जायेगा। उसके दुष्परिणाम से भी लोग बचेंगे और हमारा पर्यावरण भी शुद्ध और स्वच्छ होगा।

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